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लखनऊ : सीपीएफ कटौती को लेकर लगभग 4000 लोग पहुंचे धरना स्थल पर- इको गार्डन

दैनिक बुद्ध का सन्देश
लखनऊ। रमाबाई स्थल से आज सुबह स्मारकों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लखनऊ के इको गार्डन धरना स्थल पर धरने पर बैठ गए। धरने स्थल पर लगभग सुबह से लेकर देर शाम तक शांति ढंग से धरना चला रहा अभी तक कोई भी प्रशासन का व शासन का अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं पहुंचा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी सतीश चंद्र ने बताया कि अभी तक कोई भी प्रशासन का वह शासन का अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं पहुंचा है उन्होंने कहा अगर हमारी मांगे वह ई सी पी एफ कटौती के खाते नहीं खुलेंगे तो यह धरना अनिश्चितकालीन चलता रहेगा। स्मारक संरक्षण समिति के लगभग 4200 कर्मचारी जिसमें लगभग चार हजार के करीब चतुर्थ श्रेणी के सफाई कर्मचारी स्वीपर कर्मचारी व अन्य पदों पर कार्यरत कर्मचारी हैं, नियमावली के अनुसार हम सभी का कार्य क्षेत्र लखनऊ व नोएडा में स्थित स्मारकों पार्कों की देखरेख व अनुरक्षण करना है परंतु नियमों के विपरीत हम सभी कर्मचारी लखनऊ के अंदर एलडीए के अंतर्गत विभिन्न पार्कों में जनेश्वर मिश्र पार्क, लोहिया पार्क, भारत निर्वाचन आयोग, व अधिकारियों के घरों में लखनऊ के उच्च अधिकारियों के घरों में तथा कर्मचारी शासन में भी कार्य कर रहे हैं, हम सभी विगत 12 वर्षों से निरंतर कार्य कर रहे हैं परंतु दुर्भाग्य है कि हमारी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है हमारे अधिकारी सदैव मानसिक व आर्थिक शोषण करते हुए उच्च अधिकारी उदासीन मिल रहे हैं

जबकि सरकार व शासन द्वारा हमारे वेतन पर पर्याप्त बजट दिया जा रहा है। जो हमने अधिकारी कर्मचारियों को लाभ ना देकर वापस शासन को लौटा देते हैं वह हम सभी कर्मचारियों को गुमराह करते हैं और बताना है कि आप सभी कर्मचारियों की पुनर्वित्त वेतनमान से वेतन चिकित्सा अवकाश सी पी एफ कटौती वेतन का 10 परसेंट कितना सातवां वेतनमान मृतक आश्रितों को नौकरी एसीपी का लाभ दिया जाए। दिव्यांग भत्ता दिया जाना आदि सभी फासले शासन स्वर पाल वित्त है। हम सभी कर्मचारी अधिकांश छोटे कर्मचारियों का लखनऊ राजधानी जैसे महंगे बड़े शहरों में किराए के मकान में रहकर अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को अत्यंत अन्य वेतन में निभा पाना मुश्किल हो रहा है। हम सभी कर्मचारी गणों के इस संबंध में पिछले कई वर्षों से उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र के माध्यम से बार-बार अवगत कराते रहे हैं परंतु हमारी मांगों का निस्तारण नहीं किया जा रहा है स्मारक संरक्षण समिति आवास एवं शहरी नियोजन के अंतर्गत कार्य करती है उसके प्रमुख सचिव समिति के अध्यक्ष भी हैं आवास एवं शहरी नियोजन वर्तमान में माननीय मुख्यमंत्री के अधीन है अभी कुछ समय पहले हमें ज्ञात हुआ कि 1400 रुपए पर कार्यरत कर्मचारियों की वेतन वृद्धि इसलिए रोक दी गई। क्योंकि उनका वेतनमान उच्च सीमा पार कर गया जबकि विगत 12 वर्षों में वेतनमान ना होने के कारण कर्मचारी पहले से ही आर्थिक रूप से परेशान हैं पूरे प्रदेश में वर्तमान से 1300 व 1400 कहीं नहीं चल रहा है शासन द्वारा 2008 में ही वेतनमान व रुपए पुनीत का वेतनमान 5200-20200 व रुपए 1800 किया जा चुका है। और वर्तमान में पूरे प्रदेश में कर्मियों का सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है हम सभी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर मंडलायुक्त लखनऊ एलडीसी प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन व स्मारक समिति के अधिकारियों को अपनी समस्याओं के संबंध में पत्र के माध्यम से अवगत कराया था। और निवेदन किया कि 9 मार्च 2023 तक सभी की मांगों पर विचार करते हुए शीघ्र निस्तारण किया जाए परंतु निस्तारण नहीं हुआ व किसी प्रकार का आश्वासन भी नहीं दिया गया। इसलिए हम समस्त कर्मचारी आज एलडीए वीसी जो कि हमारे नियुक्ति अधिकारी भी हैं के कार्यालय पर उपस्थित हुए लेकिन वहां से हमको धरना स्थल इको गार्डन भेज दिया गया है।

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