सिंचाई के लिए क्षेत्रीय किसानों ने खुद कराई नाला सफाई

चिल्हियां/सिद्धार्थनगर। विकास क्षेत्र बर्डपुर के क्षेत्रीय किसानों ने सिंचाई के लिए स्वयं चन्दा लगाकर नालों की सफाई करानी पड़ रही है। सिसवा सागर से निकलने वाली माइनर से दर्जनों गांवों की सिंचाई होती थी, लेकिन लगभग पिछले 10 वर्षों से यह व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त पड़ी है। पिपरहवा, पचगवा, बिहरी, महादेव कुर्मी, शेखाजोत, महुवावा, रमवापुर, परसपुर और विशुनपुर जैसे गांवों के किसान इस नहर से सिंचाई करके अच्छी उपज लेते थे। अब नहर में पानी न आने से सिंचाई प्रभावित हुई है। क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि 20 वर्ष पहले सिसवा सागर से पानी आता था तो बिना इंजन के ही खेतों तक पहुंच जाता था। इससे किसानों की लागत कम होती थी और कई बार सिंचाई हो जाती थी। अब एक बार की सिंचाई के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। वहीं बर्डपुर नं0-07 टोला मजिगवा के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों और ब्लॉक अधिकारियों से मनरेगा के तहत नालों की सफाई कराने की मांग की थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिंचाई विभाग ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। फसल बर्बाद होती देख किसानों ने मजबूरी में चन्दा लगाकर परसपुर सिवान से मझिगवा तक जाने वाले नाले की सफाई के लिए बुलडोजर किराये पर मंगाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत आवश्यक कार्य न कराके बने-बनायें सड़क और नालों पर ही पैसे खर्च कर रही है। किसान ब्रिज किशोर, राममिलन, सीताराम प्रजापति, भागीरथी और रामू मिश्रा ने बताया कि कहीं सुनवाई न होने पर उन्हें चन्दा लगाकर स्वयं नालों की सफाई करानी पड़ रही है।