उ0प्र0 उर्दू अकादमी की संगोष्ठी में गूंजा मुंशी प्रेमचंद का नाम, कई विद्वान हुए सम्मानित

बढ़नी/सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के तत्वावधान में शनिवार, 15 फरवरी 2025 को बढ़नी डाक बंगले में एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था ष्प्रेमचंद बहैसियत नावेल निगारष् (प्रेमचंदरू एक उपन्यासकार के रूप में) दोपहर 2 बजे से आयोजित इस संगोष्ठी में साहित्य प्रेमियों और विद्वानों की भारी भीड़ उमड़ी। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रोफेसर अनवरुलहक खान ने की, जबकि संचालन डॉक्टर मसीहुद्दीन खान साहब ने बखूबी निभाया। कार्यक्रम में डॉक्टर मसीहुद्दीन खान, बाबा इब्राहिम, औबेदुर्रहमान, प्रोफेसर अनवरुलहक खान, निजाम अहमद सभासद, डॉक्टर सराफुद्दीन खां, डॉक्टर तौसीफ़ एच खान, जयकरन प्रसाद गौतम, जावेद आलम, कुंवर चंचल, आमिर खान, अब्दुल हलीम, और मास्टर सलाहुद्दीन समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने मुंशी प्रेमचंद के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला। उन्हें हिंदी साहित्य का श्उपन्यास सम्राटश् बताते हुए उनकी रचनाओं की प्रासंगिकता पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने प्रेमचंद की कहानियों और उपन्यासों में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों के चित्रण की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं आज भी समाज को प्रेरणा देती हैं और उनका साहित्य आने वाले कई पीढ़ियों तक प्रासंगिक रहेगा। संगोष्ठी में उपस्थित श्रोताओं ने भी वक्ताओं के विचारों से सहमति जताई और मुंशी प्रेमचंद को हिन्दी साहित्य का अनमोल रत्न बताया। इस अवसर पर कई साहित्यिक और सांस्कृतिक विषयों पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम के अंत में कई विद्वानों को शाल, मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। समारोह में उपस्थित लोगों में प्रमुख लोगों में डॉक्टर मसीहुद्दीन खान, बाबा इब्राहिम, औबेदुर्रहमान, प्रोफेसर अनवरुलहक खान, निजाम अहमद सभासद, डॉक्टर सराफुद्दीन खां, डॉक्टर तौसीफ़ एच खान, जयकरन प्रसाद गौतम, जावेद आलम, कुंवर चंचल, आमिर खान, अब्दुल हलीम, और मास्टर सलाहुद्दीन मौजूद थे। यह संगोष्ठी मुंशी प्रेमचंद की स्मृति को ताजा करने और उनके विचारों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हुई।