सिद्धार्थनगर : दर्शक से ज्यादा मंच पर नजर आये कवि, दर्शकों के अभाव में फिका पड़ा आयोजन
दैनिक बुद्ध का संदेश
सिद्धार्थनगर। जिला मुख्यालय पर रविवार को हुए कवि मुशायरा सम्मेलन में उस समय सभी को चौंका दिया जब दर्शक से ज्यादा मंच पर कवि नजर आने लगे आपको बता दें कि जनपद के कुछ स्थानीय कवियों द्वारा लोगों के सहयोग से कवि मुशायरे का आयोजन किया गया था। जिसका प्रचार प्रसार भी लगातार किया जा रहा था। लेकिन रविवार के दिन आयोजको ने सबको चौका दिया जहां जिला मुख्यालय पर स्थित लोहिया कला भवन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जाना पहचाना जाता है वही कार्यक्रम में दर्शक से ज्यादा शायर एवं होने पर भी प्रश्न चिन्ह लगने लगे वहीं पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जहां जिला प्रशासन के अधिकारियों को निमंत्रित किया गया था।
वहीं उनके ना आने से पूरा माहौल ही खराब हो गया नेताओं में युवा भाजपा नेता एवं नगर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी राकेश दत्त त्रिपाठी ने आयोजन को संभालने में कामयाबी पाई लेकिन जिला मुख्यालय पर आयोजन होने के बाद भी किसी भी पार्टी के नेताओं का ना होना लोगों के समझ से परे रहा। कवि मुशायरे के दौरान लोहिया कला भवन के अधिक्तर कुर्सियां खाली नजर आई केवल गिने-चुने ही लोग मंच के नजदीक रहे अंत में मुख्य अतिथियों को ना आते देख आयोजकों ने मुख्य अतिथियों के कुर्सियों पर बुला बुला के दर्शकों को बैठना पड़ा निश्चित तौर पर जिला मुख्यालय पर होने वाले कार्यक्रमों में यह कार्यक्रम हमेशा अपने फ्लॉप शो के लिए माना जाएगा आपको बता दें कि जनपद सिद्धार्थनगर में मुशायरा और सम्मेलनो का नाम सुनते ही कुर्सियां खाली नहीं रहती बल्कि कुर्सिया कम पड जाती है। कविसम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मशहूर शायर डाक्टर जावेद कमाल एवं संचालन युवा कवि पंकज सिद्धार्थ ने बहुत ही सुंदर रचनाएँ प्रस्तुत कर श्रोताओं को प्रेम और भाईचारे का सशक्त संदेश दिया. नूर कासमी, जावेद सरवर, अदनान कमर, रियाज कासिद आदि की रचनाएँ भी बहुत सराही गयीं. देर रात तक चले कार्यक्रम में विकास पांडे, अर्चिष्मन मिश्रा,रामकृष्ण पांडेय, सोनू श्रीवास्तव ,अजय कसौधन, भीम चंद कसौधन ,प्रदीप वर्मा,रामसरन, रवि श्रीवास्तव प्रधानाचार्य सिद्धार्थ महाविद्यालय,अरूण प्रजापति, संतोष श्रीवास्तव, राजेश शर्मा, राणाप्रताप सिंह, नितेश पांडेय, डाक्टर एमपी गोस्वामी, मेराज अहमद, अमित जायसवाल आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। लेकिन जो भी दर्शक लोहिया कला भवन में मौजूद रहें उन्होने शायरो एवं कवियो का खूब लुफ्त उठाया।