सिंचाई विभाग की उदासीनता का दंश झेल रहे क्षेत्रीय किसान

बोदरवार/कुशीनगर। खरीफ के फसलों की बुआई के लिए धान के नर्सरी की तैयारी में जुड़े किसानों को सिंचाई विभाग की उदासीनता का दंश झेलने के लिए जहाँ मजबूर होना पड़ रहा है वहीं संबंधित लोग भी नहरों में पानी छोड़ने को लेकर लापरवाह दिख रहे हैं स विकास खंड कप्तानगंज के स्थानीय क्षेत्र अंतर्गत स्थित ग्राम सभा मंसूरगंज नारायणी शाखा से दो नहरें निकली हुई हैं स जिनको क्रमशः बसंतपुर राजवाहा और मंसूरगंज राजवाहा के नाम से जाना जाता है। बसंतपुर राजवाहा से घुरहुपुर, मंसूरगंज, भिस्वा, हरपुरमछागर, अगया, गिदहा, जगदीशपुर, आदि गांवों के लोग खेतों में खड़ी फसलों की सिंचाई के लिए जहाँ नहरों पर आश्रित रहते हैं। वहीं मंसूरगंज राजवाहा से कुंदूर, अगया टोला राजी, अवरही कृतपुरा, वेलवा, बिशुनपुरा आदि गाँवों के किसानों के लिए सिंचाई का प्रमुख साधन क्षेत्र में स्थित नहरें ही हैं। किसान खरीफ की फसल धान की बेहन को गिराने के लिए नहरों की तरफ टकटकी लगाए हुए हैं। और मई माह के अंतिम सप्ताह का दौर शुरू हो गया है। परंतु अभी तक विभागीय लोगों द्वारा क्षेत्र अंतर्गत स्थित नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने के कारण क्षेत्र की नहरें सुखी पड़ी हुई हैं। नहरों में पानी न होने से धान की नर्सरी की तैयारी में लगे हुए किसान जहाँ वेवश और मजबूर दिख रहे हैं। वहीं संबंधित लोग नहरों में पानी छोड़ने की बात को लेकर लापरवाह दिख रहे हैं। जिस बात को लेकर अशोक सिंह, सुरेश पाण्डेय, देवनारायन बैश्य, श्रवन गुप्ता, पप्पू रमन, बेदप्रकाश दूबे, गुलाबचन्द, आदि ने विभागीय लोगों से नहरों में अविलंब पानी छोड़ने की माँग की है।