लक्ष्मीपुर शिव मंदिर के परिसर से रामलीला मंच की तरफ से सीता हरण दिखाया गया

कुशीनगर। राम-सीता और लक्ष्मण को 14 साल के वनवास के दृश्यों से दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भाव विभोर हो गए। रामलीला के एक दृश्य में जब राजा दशरथ अपने ज्येष्ठ पुत्र राम को अयोध्या का नरेश बनाने का निर्णय लेते हैं तभी दासी मंथरा रानी कैकेयी को भड़काकर राम को 14 वर्ष का वनवास और उसके बेटे भरत को राजा बनाने का षड्यंत्र रचती है।अगले दृश्य में रानी कैकेयी कोप भवन में राजा दशरथ से रूठते हुए अपने पुराने दो वचनों को पूरा करने का दबाव बनाती है। पहले वचन में राम को 14 वर्ष का वनवास और दूसरे में भरत को राजा बनाने की बात कहती है। राम को वनवास मिलते ही अयोध्या नगरी में माहौल गमगीन हो जाता है। राम के साथ सीता और लक्ष्मण भी वन जाने की जिद्द करते हैं। अगले दृश्य में केवट राम-सीता और लक्ष्मण को गंगा पार करवाने से पहले उनके चरण धोकर उसका रसपान करने के बाद उन्हें गंगा नदी पार करवाता लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काट दी थी जब उसने सीता को मारने की कोशिश की थी. यह घटना पंचवटी नामक स्थान पर हुई थी शूर्पणखा रावण की बहन थी। वह राम और लक्ष्मण के पास विवाह का प्रस्ताव लेकर गई थी, लेकिन राम ने उसे अस्वीकार कर दिया था. इसके बाद, शूर्पणखा क्रोधित होकर सीता को मारने के लिए झपटी, तब लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी. उसके बाद शुर्पखा खर और दुर्षण के पास गई घर और दूसरा में भयंकर युद्ध हुआ और राम के द्वारा दोनों भाई मारे गए फिर शुर्पखा रावण के पास गई उसने रावण से बताया भैया तुम राम की पत्नी को हरण कर लो उसके बाद रावण ने मामा मारीच के पास गया बोला मामा श्री आप मृग बन जाओ मुझे सीता का हरण करना है इस पर मारीच बना करता है लेकिन रावण क्रोधित हो जाता है। मामा मैरिज को करने के लिए झपट है मामा मारीच को करने के लिए झपटता है। मामा मारीच मानकर सोने का हिरण बनकर तैयार हो जाता है और जंगल में घूमता है जिस पर सीता मोहित हो जाती है राम से बोलता है आप उसको मार कर लाइए इसके छाल से पूरे माल को सजाऊंगी राम हिरण को करने चले जाते हैं जैसे हिरण को मारते हैं कैसे ही मारीच हाय लक्ष्मण हाय लक्ष्मण कहकर चिल्लाता है सीता बोलती है भैया लक्ष्मण तुम जाओ अपने भाई की रक्षा करो लक्ष्मण नहीं जाते हैं लेकिन सीता वीस कर देती है। लक्ष्मण रेखा खींचकर चले जाते हैं तब रावण साधु का बेस बनाकर आता है और भिक्षा मांगता है सीता विछा देने आती है रावण रेखा के पास जाता है तो आग जलने लगती है लेकिन सीता को बाहर आने के लिए बोलता है सीता इंकार करती है। रावण क्रोधित हो जाता है।फिर सीता लक्ष्मण रेखा पार करके भिक्षा देने आती है तब रावण सीता को पड़कर के हरण कर लेकर चला जाता है लिया कर इस अशोक वाटिका में बैठा देता है।सरस्वती देवी महाविद्यालय के प्रबंधक पवन दुबे ने फीता काटकर मंच का उद्घाटन किया प्रधान संघ के उपाध्यक्ष धीरज ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया इस समय कुशीनगर के सांसद विजय दुबे 5000राशि देकर भेंट किया ।खड्डा के विधायक विवेकानंद पांडे ने पिता काटकर मंच का उद्घाटन किया प्रधान संघ के जिला अध्यक्ष संतोष तिवारी जी ने पिता काटकर मंच का उद्घाटन किया धीरज तिवारी ने उन्हें स्मृति चिन्ह देकर और अंग वस्त्र लेकर सम्मानित किया जिसमें उपस्थित रहे धीरज तिवारी राम छबीला पांडे श्री कृष्णा जायसवाल सोनू तिवारी हिरदेश यादव अन्य लोग उपस्थित रहे।