20 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद महबूबनगर के 364 परिवारों को मिली परिवार रजिस्टर की प्रतिलिपि

बहराइच। 20 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद बहराइच जिले के मिहींपुरवा (मोतीपुर) तहसील अंतर्गत वन ग्राम से राजस्व ग्राम में परिवर्तित महबूबनगर के 364 परिवारों को बीस वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार पहली बार परिवार रजिस्टर की प्रतिलिपि प्राप्त हो गई। इस अवसर पर आयोजित सामुदायिक जागरूकता बैठक को सम्बोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि परिवार रजिस्टर ना होने के कारण कोई भी विकास संबंधी सुविधाएं नहीं मिल पा रही थी और केंद्र तथा राज्य की कोई भी विकास परियोजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। परिवार रजिस्टर ना होने के कारण 364 परिवारों के 2300 लोग स्वतंत्र भारत में आजाद नागरिक की हैसियत का एहसास नहीं कर पा रहे थे। वन अधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं का सामूहिक प्रयास रंग लाया और जिला प्रशासन ने परिवार रजिस्टर की प्रतिलिपि जारी किया। इस ऐतिहासिक कार्य के लिए महबूबनगर की जनता धन्यवाद की पात्र है जिसने धैर्य पूर्वक संघर्ष किया। वन अधिकार आंदोलन के महासचिव सुर्जदेव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की लोकप्रिय सरकार के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने सही कदम उठाया है, इससे वंचित वनाश्रित समुदाय के सामने पहचान का संकट था। बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि हमें अपनी मांग धैर्य पूर्वक सही तरीके से रखना चाहिए जिससे जीत प्राप्त हो सके। बैठक में महबूबनगर वन अधिकार समिति के सदस्य राम चंद्र एवं रूप निवास, अध्यक्ष देवनारायण वर्मा सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।