सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में आज नैक तैयारी हेतु प्रिपरेशन फॉर थे नैक क्रिएडीशन बेंचमार्क फॉर द प्रिपरेशन ऑफ़ सेल्फ स्टडीज रिपोर्ट-ए रोड मैप विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान समय में उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता निर्धारण की आत्मा है नैक। उन्होंने कहा की शैक्षणिक संस्थाओं की गुणवत्ता को निरंतर बनाए रखना और बढ़ाने में नैक अत्यंत ही प्रभावी माध्यम है। आज के वर्तमान परिवेश में नैक न होने के कारण शासन तथा अन्य शैक्षिक संस्थानों से विद्यार्थियों के छात्रवृतियां एवं शिक्षकों के प्रोजेक्ट स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए यथाशीघ्र गुणवत्ता के साथ हमें नैक करने के लिए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए। विश्वविद्यालय के विजन और मिशन के अनुसार हमें अपनी कार्यप्रणाली और कार्य पद्धति निर्धारित करनी होगी। शिक्षकों के लिए अच्छे और मान्यता प्राप्त पत्रिकाओं में शोध पत्रों का प्रकाशन बहुत आवश्यक है। संस्थान की गुणवत्ता उसके शिक्षक और उसके विद्यार्थी के गुणवत्ता पर आधारित होती है। इसलिए विद्यार्थियों को पढ़ने के उन तमाम अवसरों को विश्वविद्यालय उपलब्ध कराएगी साथ ही उनके रोजगार के अवसर की जानकारी, सुरक्षा और नेतृत्व विकास के भी कार्यक्रम विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए हैं। सभी विभागों को और सभी संचालित प्रकल्पों को अपने यहां आयोजित होने वाले संपूर्ण प्रकल्पों का तकनीकी दृष्टि से एवं तथ्यात्मक दृष्टि से रिकॉर्ड रखना आवश्यक है। उच्च गुणवत्ता और अत्यधिक पुस्तकालय आज के समय में उच्च शिक्षण संस्थानों की रीड की हड्डी मानी जाती है। उन्होंने कहा कि नैक में अच्छे अंक पाने के लिए हम सबको व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास एक साथ मिलकर करने चाहिए। तभी हम उच्चतम कि उस बिंदु की तरफ आगे बढ़ पाएंगे। कार्यक्रम में नैक कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर सौरव कुमार श्रीवास्तव ने कार्यशाला की विषय प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कहा की शिक्षण संस्थानों के सभी महत्वपूर्ण अवयवों को यथा अनुसार आगे बढ़ाकर उसमें गुणवत्ता लाकर हम संस्थान को उच्चतम स्थान पर ले जा सकते हैं और यही नैक मूल्यांकन का मार्ग प्रशस्त करेगा। कार्यक्रम में नए सह समन्वयक डॉक्टर जितेंद्र कुमार सिंह ने सेल्फ स्टडी रिपोर्ट के सातों मापदंडों पाठ्यक्रम पहलू, अधिगम और मूल्यांकन, अनुसंधान परामर्श कार्य एवं प्रसार, बुनियादी ढांचे और सीखने के संसाधन ,छात्र समर्थन और प्रगति ,शासन नेतृत्व और प्रबंधन तथा नवाचार और सर्वाेत्तम अभ्यास में किस प्रकार से हम रिकॉर्ड बनाये, कैसे हम कार्यक्रमों का संचालन करें और उसमें कैसे अधिक से अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं इसके बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की। कार्यक्रम में आई क्यू के सी के समन्वयक प्रोफ़ेसर दीपक बाबू ने नैक के उद्देश्य और प्रक्रिया पर विस्तृत रूप से अपना विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम कार्यक्रम में वित्त अधिकारी अजय कुमार सोनकर ने कहा कि विश्वविद्यालय नैक की तैयारी में त्वरित गति से आगे बढे और गुणवत्ता को बढ़ाने में जिस प्रकार की भी वित्तीय सहायता की आवश्यकता होगी विश्वविद्यालय इस दिशा में तत्पर है। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शिवम शुक्ला ने किया इस अवसर पर सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष प्रभारी एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे। उक्त जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ अविनाश प्रताप सिंह ने है।