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गरीबी है या शौक, जानने का प्रयास किया बहुत समझ में नही आया, करमा/सोनभद्र

गरीबी है या शौक, जानने का प्रयास किया बहुत समझ में नहीं आया , करमा बाजार में दो बच्चे उम्र पढने लिखने की बाजार में भीक्षा मांग रहे थे एकाएक नजर पहुची तो कुछ बात करके उनके बिषय में जानकारी चाही बड़ी बेबाकी से अपना नाम पता बताये उनके बताने के अनुसार क्षेत्रीय ही थे उसके साथ में एक बालक था जिसे वो अपना चचेरा भाई बताया पूछा गया कि ऐसा क्यु करते हो तो बताया कि माँ के सहयोग के लिए बोला हम लोग पैदल चलते हैं कभी आटो पर बैठ घुमते रहते हैं दिन भर में 200-300 मिल जाता है जब उससे पढाई लिखाई के बिषय में पूछा गया तो कहा कि पढता हूँ लेकिन स्कूल अध्यापक का नाम नही बता पाया समझ में नही आया कि मजबुरी है या गरीबी या शौक?

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