सिद्धार्थनगर : दिव्यांग बच्चों को एक समान श्रेणी में देखा जाय- मुख्य विकास अधिकारी
दैनिक बुद्ध का सन्देश
सिद्धार्थनगर। दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तरीय कार्यशाला मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार की अध्यक्षता एवं जिला विद्यालय निरीक्षक महराजगंज अमरनाथ राय की उपस्थिति में लोहिया कला भवन में सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देेवेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार को पुष्प गुच्छ देकर एवं बैज लगाकर स्वागत किया गया। इसके पश्चात मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। स्कूली दिव्यांग छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत की प्रस्तुति की गयी।
स्कूली दिव्यांग छात्र-छात्राओं को दिव्यांगजनों की उपलब्धियां एवं डाक्यूमेंटरी फिल्म दिखायी गयी। मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार ने कहा कि जब हम स्कूल में पढ़ते हैं उस वक्त दिव्यांग को अलग नजरिए से देखते हैं। प्रधानमंत्री द्वारा विकलांग शब्द अच्छा न लगने के कारण इसकी जगह दिव्यांग कर दिया गया। दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने में विशेष योगदान रहा। जो बच्चे देख नहीं सकते हैं, बोल नहीं सकते हैं अलग से शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर ब्रेल लिपि के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है। अक्सर ये देखा जाता है कि दिव्यांग बच्चों में एनिमीया ग्रसित होने के लक्षण ज्यादा रहते हैं। ऐसे बच्चों को चिन्हित करके आयरन की गोली खिलाया जाये। मुख्य विकास अधिकारी श्री जयेन्द्र कुमार ने कहा कि इस कार्यशाला से जो भी सीखें समाज में अवश्य बतायें जिससे हमारे दिव्यांग बच्चों के साथ भेदभाव न हो और दिव्यांग बच्चों को एक समान श्रेणी में देखा जाये। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देेवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि आज इस कार्यशाला का मुख्य उददेश्य है कि दिव्यांग बच्चों को कैसे स्कूल लाया जाये और उनको विशेष शिक्षा दी जाये और उनके साथ सामान्य व्यवहार किया जाये। कार्यक्रम का संचालन नियाज कपिलवस्तुवी द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक(बालिका शिक्षा) सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, जिला समन्वयक निर्माण रितेश श्रीवास्तव, समस्त ए0आर0पी0, नोडल शिक्षक (दिव्यांग) व अन्य सम्बंधित कर्मचारीगण उपस्थित थे।