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उत्तर प्रदेशसिद्धार्थनगर

अब मतदाता सूची से नाम काटने के पहले सौ बार सोचेंगे बीएलओ

सिद्धार्थनगर। पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान मतदाता सूची से कुछ लेगों का नाम काटने तथा नेपाल के लोगों को मतदाता बनाने का मामला सम्बन्धित बीएलओ को बहुत भारी पड़ गया। पीडित मतदाता राकेश पुत्र शेषनाथ की शिकायत सही पाये जाने पर तत्कालीन बीएलओ कुष्णावती के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उस पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। आगे भी उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी आशंका है। किसी बीएलओ द्धारा मतदाता का काटने पर एफआईआर दर्ज करने का यह पहला मामला है। इस घटना से जिले के बीएलओ में हड़कम्प मच गया है। इस घटना के बाद निकट भविष्य में कोई बीएलओ इस प्रकार का अपराध करने से पहले सौ बार सोचेगा। घटना विकास खण्ड बर्डपुर के ग्राम पंचायत महादेवा कुर्मी की है। विगत लोकसभा चुनाव में मतदाताओं का नाम मनमाने ढंग से काटने और जोड़ने का यह मामला बहुत जोर से उठा था। आरोप था कि बीएलओ कृष्णावती चौधरी ने गांव में गांव के अपने अनेक विरोधियों का नाम मतदाता सूची से काट दिया था। यही नहीं उन्होंने नेपाल में रहने वाले कई लोगों का नाम जोड दिया था। मतदान के दिन जब लोग वोट नहीं दे पाये, तब भेद खुला कि साजिश किस स्तर पर की गई है। लोगों ने इस घटना के पीछे बीएलओ कृष्णावती देवी के पति का हाथ बताया जो एक राजनैतिक दल के पक्षधर हैं। इस मामले को गांव के एक युवक राकेश पुत्र शेषनाथ ने जोर शोर से उठाया। उन्होंने इसकी शिकायत एसडीएम व जिलाधिकारी से की, लेकिन कोई सुनवाई न हुई। फिर उन्होंने आरटीआई से सूचना मांगी, उसी सूचना के आधार पर उन्होंने शासन, नेता विरोधी दल तथा चुनाव आयुक्त आदि को पत्र देकर मामले की जांच की मांग की। एक बर्ष तक काफी भागदौड़ और निरन्तर पैरवी के बाद मामले की जांच हुई और राकेश की शिकायत सच पाई गयी। इसके बाद जिलाधिकारी ने उक्त बीएलओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया। जिसके बाद गत दिवस कपिलवस्तु कोतवाली में बीएलओ कृष्णावती के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 173 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। मालूम हो कि हर चुनाव में मतदान के बाद अक्सर यह शिकायते सुनने को मिलती हैं कि उनके गांव के बीएलओ ने मतदाता सूची से तमाम नाम राजनैतिक कारणों से काट दिये। मगर अब एक बीएलओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से भविष्य में कोई बीएलओ ऐसा करने से पहले कई बार सोचेगा, ऐसी चर्चा यहां चल रही है। इसके अलावा सीमा क्षेत्र होने के कारण यहां नेपाली नागरिक भी वोटर बनते रहते हैं। प्रशासन को इस पर भी घ्यान देना होगा।

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