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उत्तर प्रदेशसिद्धार्थनगर

जिलाधिकारी के आदेश पर निरस्त हुआ 30 वर्ष पुराने 2 क़ृषि पट्टे

फर्जी नसबंदी के आधार पर वर्ष 1993 में एसडीएम नौगढ़ के आदेश पर जारी हुआ था कृषि पट्टा

दैनिक बुद्ध का सन्देश/श्रवण पटवा
सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ तहसील प्रशासन को एक बार फिर एक बड़ी सफलता मिली है। करीब 30 एवं 32 वर्ष पहले हुए अवैध पट्टे को जिलाधिकारी डॉक्टर गणपति आर० ने निरस्त कर दिया है। फर्जी नसबंदी के आधार पर बत्तीस वर्ष पूर्व आवंटन कृषि पट्टा दिनांक 13.07.1993 एवं अवैध ग्राम निवासी के आधार पर तीस वर्ष पूर्व आवंटन कृषि पट्टा दिनांक 30.12.1995 निरस्त हुआ है। अब यह संपत्ति पुनः अपने मूल खाते में वापस चली जाएगी। वादी सर्वेश कुमार खेतान ने बताया कि फर्जी नसबंदी प्रमाण-पत्र के आधार पर ग्राम- चांदापार, तप्पा बरहों छभ्-730 स्थित तहसील- शोहरतगढ़ के पूरब गाटा संख्या 150/530 रकबा 0.0390 हेव एवं एन.एच.-730 स्थित खेतान बालिका विद्यालय के सामने दक्षिण स्थित गाटा संख्या 2मिव रकबा 0.2030 हेव भूमि का कृषि आवंटन स्वीकृति दिनांक 13.07.1993 को सुभाष नगर के श्रीमती सुशीला देवी पत्नी श्याम सुन्दर को न्यायालय मा० जिलाधिकारी, सिद्धार्थनगर ने कृषि आवंटन स्वीकृति दिनांक 13.07.1993 को अपने आदेश दिनांक11.04.2025 द्वारा निरस्त कर दिया गया है साथ ही दूसरे मामले में श्रीमती उर्मिला देवी पत्नी जगदीश प्रसाद पुत्री स्वव बजरंग लाल की शादी के लगभग तीस वर्षों बाद फर्जी तरीके से ग्राम निवासी दिखाकर ग्राम दोहनी तप्पा बरहों के गाटा संख्या 360 मिव रकबा 0.0570 हेव भूमि का कृषि आवंटन स्वीकृति दिनांक 30.12.1995 को करा लिया गया था जिस पर सगे भाइयों का कब्जा था, को न्यायालय मा० जिलाधिकारी, सिद्धार्थनगर ने कृषि आवंटन स्वीकृति दिनांक 30.12.1995 को अपने आदेश दिनांक 02.04.2025 के द्वारा निरस्त कर दिया गया है तथा भूमि को ग्राम सभा के खाते में निहित किया जाता है।

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