शिव और सती प्रसंग की कथा सुनकर श्रोता हुए भाव विभोर

गोरखपुर। गोला क्षेत्र के पोखरीगांव में चल रहे श्री श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में तीसरे दिन रविवार को श्रीराम कथा में व्यास हरिनारायनाचार्य महाराज ने सती प्रसंग और पार्वती के जन्म की कथा सुनाई। कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और आनंद लिया। व्यास हरिनारायनाचार्य महाराज ने कहा कि जब सीता का भेष धारण कर सती रामजी की परीक्षा लेने गईं, तब रामजी ने सती को तुरंत ही पहचान लिया।उनको हाथ जोड़कर प्रणाम किया। अपना भेद खुल जाने पर मां सती लज्जित होते हुए वहां से अंतर्ध्यान होकर शिवजी के पास पहुंचीं। उधर शिवजी भी सती के इस कृत्य से दुखी हो जाते हैं और राम नाम का सुमिरन करने लगते हैं। तब सती ने शिवजी से अपनी भूल के लिए क्षमा मांगी। व्यास हरिनारायनाचार्य महाराज ने ’‘यदि नाथ को नाम दयानिधि है तो दया भी करेंगे कभी न कभी’’ भजन सुनाकर श्रोताओं को मोहित कर दिया। इस मौके पर मुख्य यजमान जीतेन्द्र दुबे,सूरज चन्द ,रामपाल चन्द धन चन्द, धीरज चन्द भोलू चन्द विकाश चन्द आशीष दुबे, सहित श्रोता मौजूद रहे।