अम्बेडकरनगर : राजकीय छात्रावास अकबरपुर में अंधेरे में छात्र आवास में रहने पर मजबूर – स्थानीय प्रशासन मौन
दैनिक बुद्ध का संदेश
अम्बेडकरनगर। योगी आप के राज्य में सामाज कल्याण विभाग राजकीय अनुसूचित जाति के छात्रावास में बिजली के कनेक्शन में तकनीकी प्रॉब्लम से जूझ रहें छात्र पठान – पठान में भी रात्रि के अंधेरे में छात्रों को अंधेरे का सामना कर झेलना पड़ा रहा अवरोध लेकिन इन छात्रों की समस्या से रूबरू होने को तो दूर छात्रों की समस्या से संबंधित सुधि लेने में भी छात्रावास की वार्डेन और सामाजकल्याण विभाग के अधिकारी नहीं ले रहे रुचि छात्रों में समस्याओं को झेलने से बढ़ रहा अंदर ही अन्दर आक्रोश। उल्लेखनीय हैं कि बीते तीन महीने पहले भी भीषण गर्मी के दौरान इन छात्रावास में रहने वाले छात्रों को पेयजल में गंदा पानी जिस पानी में जहरीले कीड़े बिलबिलाती हुई पानी और शौचालय आदि में गंदगियों का अंबार तथा छात्रों के कमरों में लगे पंखों में तकनीकी प्रॉब्लम को सही नहीं कराए जाने से भीषण गर्मी के दौरान जिंदगी जीने और झेलने पर काफी खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। लेकिन उसमें से एक होनहार छात्र ने दैनिक बुद्ध का संदेश समाचार पत्र के पत्रकार से टेलीफोनिक वार्ता कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया और समाचार पत्र के जिला संवाददाता ने उक्त समस्या से निजात दिलाने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी अम्बेडकरनगर से वार्ता कर और समाचार पत्र में खबरों का प्रकाशन कर समस्या से कुछ हद तक निजात दिला पाने में कामयाबी हासिल की थी उस दौरान समस्याओं से उबरे छात्रों द्वारा समाचार पत्र को भी धन्यवाद प्रेषित किया था लेकिन आज फिर छात्रों को बिजली कनेक्शन में तकनीकी सेवा सुलभ न मिल पाने से पठान – पठान के लिए अंधेरे का सामना करना पड़ रहा हैं। राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास में लगभग 100 छात्र आवास में पठान – पठान करने हेतु दूरदराज क्षेत्रों से अपना भविष्य बनाने की तलाश में सरकार द्वारा निशुल्क प्रदान की जा रही छात्रावासीय सुविधा का लाभ ले कर घर परिवार से दूर जिंदगी जी रहे हैं। किंतु उपरोक्त जनपद के राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास में वार्डेन सूर्यमुखी का हंटर इस प्रकार चल रहा है कि अनुसूचित जाति के बच्चों को छात्रावास के द्वारा मिलने वाली सुख सुविधा से वंचित कर बजट न होने का हवाला दिया जाता है आखिर वित्तीय वर्ष में जो बजट छात्रावास की सुविधाओं की पूर्ति हेतु शासन स्तर से प्रदान हो रहे वो बजट छात्रावास की सुविधाओं में न खर्च हो कर किसकी जेब में जा रहा उक्त सवाल अपने आप में यश प्रश्न खड़ा करता नजर आते दिखाई पड़ रहा हैं। कहना आसान नहीं होगा कि छात्रावास में वार्डेन सूर्यमुखी का डर इस कदर राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास में रह रहे छात्रों के मन में समाया हुआ है कि उक्त छात्रावास में पठान-पाटन हेतु रह रहे छात्रों द्वारा नाम न छापने की शर्त पर दबी जवान से दैनिक बुद्ध का संदेश समाचार पत्र/दृश्यम इंडिया न्यूज़ पोर्टल/पत्रिका को टेलिफोनिक माध्यम से अपनी समस्या के समाधान के लिए चोरी चुपके अनुरोध किया जाता है। छात्रावास में रह रहे छात्रों की समस्या के प्रति उपरोक्त समाचार पत्र के जिला संवाददाता उनकी बातों और समस्या को संजीदगी के साथ दिन हो या रात सुनते हुए समस्याओं का निराकरण कराए जाने का प्रयास किया जाता हैं।
जब की राजकीय छात्रावास में पठान पठान हेतु दूरदराज क्षेत्रों से आकर निवास कर रहे छात्रों ने बताया कि आज 1 सप्ताह से उक्त छात्रावास में निवास कर रहे छात्रों को बिजली की तकनीकी समस्याओं से सामना करना पड़ रहा है अभी 2 से 3 दिन पूर्व पहले छात्रावास में निवास कर रहे लगभग 100 छात्रों ने खुद के 2000 रुपए चंदा एकत्र कर बिजली की तकनीकी प्रॉब्लम को दूर कराया गया। किंतु समस्या का समाधान कुछ समय तक उनके चंदों के पैसों से रहा लेकिन फिर बिजली की समस्या जस की तस बनी हुई है दिन तो किसी तरीके से छात्रों का पार हो जाता है लेकिन रात्रि होने के उपरांत उन्हें अच्छी खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं इसके इलावा भी छात्रों द्वारा दबी जुबान से बताया जा रहा हैं कि सूर्यमुखी मैडम जो अभी राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास की वार्डेन है उनको तो छात्र कभी कभार ही देखते है नहीं तो उनका छात्रावास में आना भी नहीं होता उक्त आवास में अगर चौकीदार और मेस में रसोइयों की बात की जाए तो इन सुविधा के लिए भी किसी की तैनाती नहीं हुई हैं राम भरोसे चल रहा राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास छात्रों को अपने खाने पीने की व्यवस्था भी खुद से करनी पड़ती हैं। अगर राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास के भवन/बिल्डिंग की वार्ता की जाए तो बताया जाता हैं कि भवन और बिल्डिंग काफी जर्जर अवस्था में जस की तस बनी हुई हैं अब सवाल यह उठता है कि योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा लगातार लाखों का बजट छात्रावास में रह रहे अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए अवमुक्त किए जा रहे आखिर इन बजट से छात्रावास का विकास नहीं हो रहा तो इन बजट से किसका विकास किया जा रहा बने रहे जल्द हम इस ज्वलंत मुद्दे पर अपनी प्रमाणित सूचना के साथ बजट के बंदरबाट का खुलासा करेंगे। उपरोक्त संदर्भ में जब समाज कल्याण अधिकारी कौशल विक्रम सिंह से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया की बजट का कोई प्रॉब्लम नहीं है मैं समस्या को संज्ञान में लेकर निजात दिलाने का प्रयास करता हूं।