गोरखपुर        महराजगंज        देवरिया        कुशीनगर        बस्ती        सिद्धार्थनगर        संतकबीरनगर       
उत्तर प्रदेशबहराइच

गाइड लाइन्स का पालन न करने पर दण्डित होंगे कोचिंग संस्थान: डीआईओएस 

ब्यूरो दैनिक बुद्ध का सन्देश

दैनिक बुद्ध का सन्देश

बहराइच । जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार अहिरवार ने जिले में संचालित कोचिंग सेन्टरों के प्रबन्धकों एवं संचालकों को निर्देशित किया है कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी कोचिंग सेंटर रेगुलेशन-2024 के अन्तर्गत निर्धारित गाइड लाइन्स का पालन करते हुए कोचिंग का संचालन करें। उन्होंने बताया कि यदि कोई कोचिंग संस्था जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्यालय से बिना रजिस्ट्रेशन के जांच/निरीक्षण में अपनी कोचिंग चलाता हुआ पाया जाता है तो सम्बन्धित कोचिंग के खिलाफ दण्डात्मक/ वैधानिक कार्यवाही की जायेगी जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी।कोचिंग सेन्टर संचालन के लिए निर्धारित गाइड लाइन्स की जानकारी देते हुए डीआईओएस अहिरवार ने बताया कि कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के बच्चों का एडमिशन नहीं दे सकते हैं साथ ही किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी जैसे अच्छे नम्बर या रैंक दिलाने की गारंटी नहीं दे सकते हैं। कोचिंग संस्थान ग्रेजुएट से कम योग्यता वाले शिक्षकों तथा किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त नहीं कर सकते हैं, जो नैतिक, कदाचार से जुडे किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो। कोचिंग संस्थान के पास एक परामर्श प्रणाली होने के साथ-साथ कोचिंग संस्थान की वेबसाइट पर शिक्षकों की योग्यता, पाठ्यक्रम/पाठ्य सामग्री, पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाए और लिए जाने वाले शुल्क का अद्यतन विवरण होना चाहिए। कोचिंग संस्थान को किसी टेस्ट से पहले स्टूडेंटस को उस टेस्ट के डिफिकल्टी लेवल तथा अन्य करियर ऑप्शन के बारे में भी बताना होगा। कोचिंग में मेंटल हेल्थ को लेकर समय-समय पर वर्कशाप का आयोजन तथा दिव्यांग स्टूडेंट्स को सपोर्ट करने के लिए उन्हें उनके मुताबिक सुविधाएं प्रदाने करनी होंगी। डीआईओएस ने बताया कि सरकार का मानना है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोचिंग हानिकारक हो सकती है। यह बच्चों पर मानसिक दबाव डाल सकता है और उन्हें आत्महत्या के लिए प्रेरित कर सकता है। इसके आलावा 16 साल से कम उम्र के बच्चे कोचिंग संस्थानों में पढाई के लिए पर्याप्त रूप से तैयार नहीं होते है। दिशानिर्देशों को जारी करने का मुख्य कारण कोचिंग में बच्चों के आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकना है। पिछले कुछ वर्षों में कोटा जैसे शहरों में कई बच्चों ने आत्महत्या कर ली है। इनमे से कई मामलों में आत्महत्या का कारण कोचिंग में पढ़ाई का दबाव बताया गया है। शासन द्वारा जारी नई गाइडलाइन के तहत, कोचिंग संस्थानों को छात्रों को फीस की रसीद देना भिन्न-भिन्न कोर्स का उल्लेख करते हुए एक प्रॉस्पेक्ट्स जारी करना, प्रॉस्पेक्ट्स और नोट्स भी विद्यर्थियों को बिना शुल्क के देने होंगे। यदि विद्यार्थी ने पाठयक्रम के लिए पूरी फीस जमा कर दी है, लेकिन बीच मे ही कोचिंग छोड रहा है, तो बची हुई फीस 10 दिन के भीतर वापस करनी होगी। दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए सभी कोचिंग संस्थानों को 03 महीने के भीतर अपने रजिस्ट्रेशन कराने होगे। कोचिंग गाइडलाइन के उल्लघंन करने पर जुर्माना लग सकता है। केन्द्र सरकार ने हाल ही में प्राइवेट कोचिंग सेंटर पर लगाम लगाने के लिए नई गाइडलान जारी की है। जिसके अनुसार कोचिंग संस्थानों को कई तरह की शर्तों का पालन करना होगा। अगर कोई संस्थान इन शर्तों का उल्लघंन करता है, तो पहली बार में सम्बन्धित कोचिंग सेंटर पर रू. 25000 का जुर्माना लगाया जाएगा यह धनराशि रू. 01 लाख भी हो सकती है इसके अलावा पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है। डीआईओएस अहिरवार ने समस्त शिक्षण संस्थाओं के प्रधानाचायों/प्राचार्यों व आमजन से अपेक्षा की है कि यदि उनके क्षेत्र में कहीं पर अवैध कोचिंग अथवा कक्षाएं सचालित हो रही हों तो उनके मो.न. 9453140047 पर अवश्य सूचित करें ताकि सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जा सके।

 

Related Articles

Back to top button