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अंबेडकरनगर : चार सवारी का परमिट भरते हैं 10 सवारी देखती रहती है पुलिस और एआरटीओ

प्रतिदिन वाहन जांच के नाम पर बाइक सवारों की पुलिस खड़ी कर देती है सामत

दैनिक बुद्ध का संदेश
अंबेडकरनगर। गलत तरीके से सड़कों पर चलने वाले विक्रम अप्पे ऑटो वाहनों की जांच पड़ताल के लिए बनाए गए कानून नियम और सरकार द्वारा बार-बार भेजे गए आदेश के बाद भी यातायात व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका है। योगी सरकार के लगभग 7 वर्षों के कार्यकाल के बाद भी यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। चौपट यातायात व्यवस्था के चलते रोज दुर्घटनाएं होती है। जांच के नाम पर केवल बाइक सवारो का शोषण किया जा रहा है। सड़क पर दौड़ने वाले विक्रम ऑटो अप्पे वाहनों में चार से 6 सवारी का परमिट लेने के बाद 10 और 12 सवारी भरकर ओवरलोडिंग तरीके से पूरे दिन सड़कों पर वाहन दौड़ते हैं। आधे से अधिक वाहन चालकों के पास चालक का कामर्सियल लाइसेंस नहीं है लेकिन फिर भी सड़क पर वाहन दौड़ते हैं। दो तिहाई वाहनों की नंबर प्लेट और उनके वाहन एआरटीओ द्वारा बनाए गए नियमों को पूरा नहीं करते हैं लेकिन उसके बाद भी विक्रम अप्पे और ऑटो सड़क पर बेखौफ तरीके से दौड़ते हैं।

पूरे दिन जनपद मुख्यालय और छोटी बाजारों में मुख्य सड़कों पर वाहन को खड़ा करके सवारी भरी जाती है। पुरानी तहसील और फवारा चौक वाहन स्टैंड बन गया है। सड़क पर अचानक गाड़ी रोककर सवारियां उतारी जाती है लेकिन फिर भी इन वाहन चालकों पर कार्यवाही नहीं होती है। आंकड़ों पर गौर करें तो जिले के विभिन्न सड़कों में 3000 से अधिक विक्रम अप्पे ऑटो सड़क पर प्रतिदिन सवारी ढोने में लगे हैं। ई रिक्शा व अन्य साधन अलग से सड़क पर सवारी ढोते देखे जाते हैं। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से टांडा और अकबरपुर होते हुए लखनऊ की सड़क पर प्राइवेट बसें भी गलत तरीके से सड़कों पर दौड़ रही है। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है। योगी सरकार के निर्देश एआरटीओ पर लागू नहीं होता है। बालू के ओवरलोड वाहन भी पूरे दिन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सड़कों पर दौड़ने वाले विक्रम ऑटो अप्पे पर इस कदर से यातायात पुलिस थाना पुलिस और एआरटीओ ने मेहरबानी बनाई हुई है कि पूरे वर्ष बीत जाने के बाद कभी कभार को छोड़ दिया जाए तो अप्पे ऑटो विक्रम पर जांच की कार्यवाही नहीं होती है। जांच के नाम पर केवल सरकार को गुमराह किया जा रहा है जबकि पूरे दिन चार सवारी के परमिट पर 10 सवारी भरकर के ऑटो अप्पे सड़क पर दौड़ रहे हैं। विक्रम में 6 सवारी के परमिट पर 12 सवारी भरकर वाहन सड़क पर दौड़ रहे हैं। सड़कों पर जांच के नाम पर यातायात पुलिस के जवान उप निरीक्षक होमगार्ड प्रत्येक चौराहे के प्रत्येक वाहन स्टैंड पर खड़े रहते हैं।

इसके बावजूद सड़कों पर पूरे दिन यातायात के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। प्रत्येक चौराहे के प्रत्येक वाहन स्टैंड पर चार होमगार्ड और सिपाहियों की ड्यूटी वाहनों की जांच पड़ताल करने के लिए लगाई गई है लेकिन वाहन अड्डों पर लगाए गए होमगार्ड के जवान और सिपाही पूरे दिन एक साथ खड़े होकर मटरगश्ती करते देखे जाते हैं।हमेशा इन पर वसूली का आरोप लग रहा है। विक्रम अप्पे ऑटो प्राइवेट बस आदि डग्गामार वाहनों की जांच करने से इनका कोई लेना देना नहीं होता है। चौराहे पर लगने वाले जाम से भी इनका कोई लेना देना नहीं है। गलत दिशा से आने वाले वाहनों को रोकने से भी इनका कोई लेना देना नहीं है। आखिर प्रत्येक चौराहे के प्रत्येक अड्डे पर होमगार्ड के सिपाही और पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाने का क्या मकसद है। गलत तरीके से निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियां लेकर सड़कों पर दौड़ने वाले विक्रम अप्पे ऑटो की जब इन्हें जांच नहीं करनी है तो उनकी ड्यूटी लगाने का क्या मतलब है। यातायात पुलिस थाना पुलिस एआरटीओ के कारनामों की कहानी सब खुल चुकी है। वाहन चालक खुले आम बयानबाजी कर वर्दी को कलंकित कर रहे हैं। जन-जन की जुबान में यातायात पुलिस थाना पुलिस और एआरटीओ की कहानी है लेकिन इनके कारनामों को कौन सार्वजनिक करें समझने वाले के लिए इशारे ही पर्याप्त होते हैं लेकिन ना समझने वालों के लिए सब कुछ कहने के बाद भी कुछ नहीं समझ में आता है। क्षेत्र के लोगों ने योगी सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए जांच के नाम पर बाइक सवारों के उत्पीड़न को रोकने ओवरलोड चलने वाली अप्पे ऑटो विक्रम प्राइवेट बस बालू के ओवरलोड वाहनों की जांच करा कर इन पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की है। गलत तरीके से चलने वाले अप्पे विक्रम ऑटो प्राइवेट बस ओवरलोड मॉल वाहन को संरक्षण देने वाली यातायात पुलिस थाना पुलिस और एआरटीओ के कारनामों की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए दोषियों को दंडित कर भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था लागू करने की मांग आम जनता ने योगी सरकार से की है।

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