गोण्डा : सांसद कीर्तिवर्धन सिंह तथा सपा प्रत्याशी श्रेया वर्मा के बीच होगी जीत की कड़ी चुनौती
गोंडा लोकसभा क्षेत्र को पूर्व मंत्री स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा ने दी थी लॉलीपॉप शिलान्यास के बाद बनवाना भूल गए
दैनिक बुद्ध का संदेश/बृजभूषण तिवारी
गोण्डा। लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों का ऐलान हो चुका है लोकसभा में पांचवें चरण में वोटिंग है। लोकसभा क्षेत्र में सपा और भाजपा ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। वही सत्ताधारी बीजेपी ने अपने पुराने प्रत्याशी मौजूदा सांसद पर भरोसा जताया है और उन्हें तीसरी बार लोकसभा का टिकट दिया है। वही समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा क़ी पौत्री पर भरोसा जताते हुए गोंडा संसदीय क्षेत्र के लोकसभा के प्रत्याशी बनाया है। सत्ताधारी बीजेपी हो या फिर विपक्षी पार्टियां सभी अपनी जीत को लेकर जोर-आजमाइश में जुटी हैं। लेकिन गोंडा लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की पौत्री को टिकट देकर भाजपा प्रत्याशी के लिए जीत का रास्ता और आसान कर दिया है। गोंडा लोकसभा से 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े बेनी प्रसाद वर्मा गोंडा लोकसभा से चुनाव जीत कर केंद्र में डॉ.मनमोहन सिंह के सरकार में इस्पात मंत्री बने और और फिर संसदीय क्षेत्र में कोई काम नहीं किया।
फिर जनता अपने को ठगा महसूस करने लगी फिर 2014 में स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर गोंडा लोकसभा से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें फिर गोंडा लोकसभा की जनता ने ठुकरा दिया और वह फिर चौथा स्थान प्राप्त हुआ। अब फिर समाजवादी पार्टी से उनकी पौत्री टिकट पाकर जनता के बीच पहुंच रही है और फिर जीत का आशीर्वाद मांग रही है लेकिन क्षेत्र की जनता जागरुक हो चुकी है। अब यहां की जनता यह नहीं चाहती है कि की 2009 जैसी सांसद को देखना पड़े कि क्षेत्र का विकास ना हो सांसद का विकास हो जाए। वही इस बार गोंडा लोकसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे यह तो जनता को तय करना है।
लोकसभा क्षेत्र के जनता का कहना है कि सपा गठबंधन गोंडा लोकसभा से बाहरी प्रत्याशी को उतार कर खुद ही भारतीय जनता पार्टी का दावा मज़बूत कर दिया है लेकिन चार बार से सांसद और क्षेत्रीय नेता और अनुभवी प्रत्याशी होने के कारण कीर्ति वर्धन सिंह का पलड़ा भारी दिखाई देता है। वही जनता का रुझान भी इस बार स्थानीय बनाम बाहरी प्रत्याशी मुद्दे पर ज्यादा दिखाई पड़ता है। लोगों का कहना है कि बाहरी प्रत्याशियों में बाराबंकी के हैं। अब प्रत्याशी श्रेया वर्मा से बेहतर हमारे सांसद कीर्ति वर्धन सिंह उर्फ राजा भैया से अच्छा विकल्प कतई नहीं है।
बॉक्स…………श्रेया वर्मा के लिए सबसे बड़ी चुनौती
अयोध्या भगवान श्री राम की नगरी से सटा गोंडा लोकसभा सीट पर राम लहर का अच्छा खासा प्रभाव है। इस लहर में हिंदू वोटरों में सेंध लगाना मुश्किल है। भाजपा से दो विधायक प्रभात वर्मा गौरा विधानसभा और उतरौला विधानसभा से राम प्रताप वर्मा हैं जो वर्मा वोटरों को बिखरने नहीं देंगे। दूसरी चुनौती श्रेया वर्मा के लिए बाहरी होने का भी है। श्रेया बाराबंकी जिले से हैं। यहां की जनता समाजवादी पार्टी के सम्भावित प्रत्याशी को स्वीकार करेगी या नहीं यह भी एक बड़ा सवाल है।
बॉक्स……….दूसरी सबसे बड़ी चुनौती किया गया शिलान्यास
श्रेया वर्मा को अपने स्वर्गीय बाबा बेनी प्रसाद वर्मा के शिलान्यास सांसद के ठप्पे को हटा पाना दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है।2009 के लोकसभा चुनाव में बेनी प्रसाद वर्मा ने एक दबाव तीन गिराओ का नारा देकर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर गोंडा के सांसद बन गए थे। चुनाव जीतने के कुछ ही दिन बेनी प्रसाद वर्मा मनमोहन सिंह की सरकार में इस्पात मंत्री बनाए गए लेकिन चुनाव जीतने के बाद लोकसभा की जनता के साथ छल किया और गोंडा में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया और गोंडा पिछड़ा का ही पिछड़ गया था।
फिर 2014 का चुनाव नजदीक आ गया उसके बाद बेनी प्रसाद ने कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास गोंडा में किया इन्हीं में से एक प्रोजेक्ट का शिलान्यास 2014 में हुआ जो काफी विवादों में रहा। यह प्रोजेक्ट पॉवर प्लांट का था। चुनावी साल में बेनी प्रसाद वर्मा ने आचार संहिता लगने से महज एक दिन पहले शहर से तीस किलोमीटर की दूरी पर एक पॉवर प्लांट का शिलान्यास किया था जो गोंडा की जनता के लिए धोखा साबित हुआ जिस जमीन पर शिलान्यास किया गया था, उस जमीन का कोई अनुबंध नहीं था और न ही ऐसा कोई प्रोजेक्ट पॉवर प्लांट गोंडा को मिला था। अब वही चीज जनता दोबारा पूछ रही है की कहां गया कोयली जंगल का इस्पात प्लांट और कहां गया पावर प्लांट जो 2014 में लॉलीपॉप दिया गया था।