बलरामपुर: सैयां भए कोतवाल तो अब डर काहे का
कर्सर.................शिक्षकों की मनमानी अपने चरम पर बिना स्कूल आए ही उठ जाता है मानदेय
प्रमोद पाण्डेय/दैनिक बुद्ध का संदेश
बलरामपुर। योगी सरकार के तमाम कवायद के बावजूद शिक्षा क्षेत्र में शिक्षकों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है और आए दिन शिक्षकों की मनमानी और दबंगई की बात सामने आती रहती है और नवनिहलो के जीवन के साथ खिलवाड़ करने की बात भी सामने आ रही हैं और जिम्मेदार उनका भविष्य चौपट कर रहे है। आपको बता दें की इस भूमिका में विद्यालय से अनुदानित मदरसे भी पीछे नहीं है और उनमें भी शिक्षकों द्वारा मनमानी उजागर होती देखी जा रही है
ऐसा ही एक मामला तुलसीपुर नगर के एक अनुदानित मदरसा दारुल उलूम अतिकीया जरवा रोड तुलसीपुर जिला बलरामपुर का है जहां पर छात्र तो मिलते हैं लेकिन अधिकांश शिक्षक स्कूल से गायब रहते है जिस पर स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से शिकायत की है कि स्कूल प्रबन्धक और प्रधानाचार्य के शह पर मदरसे के कई शिक्षक मदरसे से नदारत रहते है लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नही। कई शिक्षक तो वर्षाे बीत गए मगर मदरसे नही आये लेकिन उनकी उपस्थित हर दिन उपस्थिति पंजिका में दर्ज रहती है और उनकी हाजिरी प्रबंधक और प्रधानाचार्य के द्वारा भर दी जाती है और बिना सेवा के ही मानदेय उठ जाता है। मामले के विस्तार की बात करे तो इस मदरसे में एक प्रधानाचार्य 12 शिक्षक एक लिपिक और एक चपरासी की नियुक्ति सरकारी मान्यता के बाद हुई थी और यहां शिक्षा हाईस्कूल तक होती है। जिनमें एक शिक्षक अमितेंद्र श्रीवास्तव जिनकी नियुक्ति 2015 में आलिया में हुई थी लेकिन वह नियुक्त होने से लेकर अबतक मदरसे में नहीं आ रहे हैं। दूसरा अध्यापक तहरीर हसन जिनकी नियुक्ति 2016 में हुई थी वह वह भी नियुक्ति के बाद से अब तक स्कूल नहीं आए वही दो अध्यापक सिराज अहद और गुलाम मोहियउद्दीन ऐसे है जिनका वास्ता सिर्फ स्कूल में हाजरी बनाने तक का है उसके बाद वह स्कूल नहीं आते हैं और लापता हो जाते है और मानदेय पुरा उठा रहे हैं। शिकायतकर्ता उस्मान अंसारी ने प्रबंधक और प्रधानाचार्य पर यह आरोप लगाते हुए बताया कि न आने वाले शिक्षकों का शिक्षक उपस्थिति पंजिका में प्रधानाचार्य और प्रबंधक कूट रचित हस्ताक्षर बनाकर कोरम पूरा कर देते हैं। जिसको लेकर शिकायतकर्ता ने उक्त मदरसे में बायोमेट्रिक हाजिरी और सीसीटीवी कैमरा लगाने की मांग की है जिससे शिक्षा स्तर में पारदर्शिता आए और नियमो का उलंघन और मनमानी करने वालो पर अंकुश लग सके जिसको लेकर जिलाधिकारी महोदय बलरामपुर को शिकायती पत्र देकर जांच और कार्रवाई करने की मांग की गई है।