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स्मृति शेष पार्वती द्विवेदी की काशी में मनी द्वितीय पुण्यतिथि, सोनभद्र/वाराणसी

स्मृति शेष पार्वती द्विवेदी की काशी में मनी द्वितीय पुण्यतिथि लोगों परिवारी जनों ने शब्द प्रसून से पुष्पांजलि अर्पित कर किया शत-शत नमन , मीडिया फोरम ऑफ इंडिया न्यास के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सोनभद्र के वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी जी की स्वर्गवासी धर्म पत्नी पार्वती द्विवेदी की द्वितीय पुण्यतिथि पर शनिवार को उनके कनिष्ठ पुत्र श्रींगेश आनंद द्विवेदी के काशी स्थित आवास पर स्मरण व पुष्पांजलि के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया गया। इस दौरान आयोजित पारिवारिक कार्यक्रम में परिवार के सभी सदस्य जहां उपस्थित रहे वही हित मित्रों के जुटान में कवि हृदय पत्रकारों के चाचा कहे जाने वाले वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने अपनी गोलोकवासी पत्नी के 57 साल के साथ को याद करते हुए उन्हें सुख दुःख में साथ निभाने वाली ऐसा जीवन साथी बताया जिसे वे कभी भुला नहीं सकते! सोनभद्र की कवयित्री एवं लब्ध प्रतिष्ठित गीतकार डॉ रचना तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित पुष्पांजलि अर्पण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आचार्य पंडित धीरेंद्र पांडेय मनीषी जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कवि एवं पत्रकार राकेश शरण मिश्र ने किया। इस दौरान सर्वप्रथम स्मृति शेष पार्वती द्विवेदी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें परिवार जनों ने उन्हें शतशत नमन करते हुए उनके साथ बिताए लम्हों की स्मृतियों को साझा किया तो सभी के नेत्र सजल हो गए। रावटसगंज से आए अधिवक्ता उमापति पांडेय ने ढांढस बढ़ाते हुए कहां कि स्मृति शेष पार्वती जी एक कुशल ग्रहणी के साथ ही सनातन संस्कृति की प्रबल उपासक थी। वही श्री द्विवेदी जी के जेष्ठ पुत्र दुर्गेश आनंद द्विवेदी और कनिष्क पुत्र श्रींगेश आनंद द्विवेदी ने मां के वात्सल्य स्नेह और आत्मीयता को याद कर कुछ ऐसे संस्मरण साझा किए जिससे सभी की आंखें सजल हो गई। मऊ से आए श्री द्विवेदी जी के बड़े दामाद अधिवक्ता अशोक कुमार पांडेय ने रुंधे गले से अपनी सासू मां स्वर्गीय पार्वती जी के जीवन संघर्षों और उनके अपनत्व को रेखांकित किया। उनके दामाद सौरभ मिश्रा और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के परास्नातक छात्र अभिनव ज्योति ने उनको सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक तथा सनातन संस्कृति की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहां की जीवनसंगिनी के जाने के बाद आदमी को जीवन अधूरा महसूस होने लगता है लेकिन मेरी नानी एक भरा पूरा सुसंस्कृतिवान परिवार छोड़ गए हैं जो घर परिवार के साथ ही समाज को भी एक दिशा देने का काम कर रहे हैं। बतौर मुख्य अतिथि आचार्य डॉक्टर पंडित धीरेंद्र पांडेय मनीषी ने वेद पुराण के कई श्लोकों के माध्यम से द्वितीय पुण्यतिथि के महत्व का जिक्र करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए इसे अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश द्विवेदी ने कहा कि आज यहां उपस्थित उन से ताल्लुक रखने वाले परिवारी जनों को उनकी प्रगाढ़ इच्छा शक्ति और कठिन परिश्रम को अपने अंदर आत्मसात करने की जरूरत है यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि हर एक मनुष्य को चाहिए कि वो स्त्री को लक्ष्मी स्वरूपा समझ कर उसका सम्मान करें। अंत में अध्यक्षता कर रही गीतकार डॉक्टर रचना तिवारी ने कहां की चाची जी का व्यक्तित्व अत्यंत ही सौम्य रहा जो गृहस्थ जीवन जीने वाली महिलाओं के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने अपनी भावांजलि व्यक्त करते हुए उन्हें शत-शत नमन किया। इस मौके पर दुर्गेश आनंद द्विवेदी, श्रृंगेश आनंद द्विवेदी, गौरव दीप,अभिनव ज्योति, कृष्णा कुमार उपाध्याय, राजकुमार ,सौरभ पांडेय, विजयलक्ष्मी, प्रिया पांडे, राजलक्ष्मी, किरन, अंजू ,रोमी, अनुषिका आनंद आयुष्मान आनंद अंश आनंद आदि परिवार के सदस्य मौजूद रहें।

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