सिद्धार्थनगर : परिवार है सबसे पहला स्कूल- धर्मेन्द्र पाल
दैनिक बुद्ध का सन्देश
सिद्धार्थनगर। बच्चों के लिए सबसे पहला स्कूल उसका घर परिवार ही होता है, जहाँ बच्चे हंसने रोने, बोलने के साथ ढेर सारे संस्कार भी सीखते हैं। अतः माता-पिता और परिजनों को घर को ही प्राथमिक पाठशाला मानते हुए बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से तैयार करना चाहिए। ब्लॉक संसाधन केंद्र नौगढ़ में आयोजित हमारा आंगन, हमारे बच्चे कार्यक्रम में उपरोक्त विचार खंड शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार पाल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, नोडल शिक्षकों तथा अभिभावकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए. बीईओ ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्राथमिक विद्यालयों में प्री प्राइमरी एवं बाल वाटिका के अन्तर्गत तीन से छः वर्ष तक के बच्चों को कक्षा एक में दाखिले से पूर्व की तैयारी पूर्ण मनोयोग से करने हेतु अभिप्रेरित किया।
कार्यक्रम में बाल वाटिका सनई लंगड़ी की नन्ही मुन्नी बालिका वेदांगी पांडेय द्वारा प्रस्तुत वंदेमातरम गीत तथा सिद्धार्थनगर की महिमा संबंधित गीत पर सुंदर नृत्य प्रस्तुति ने उपस्थित लोगों को तालियां बजाने को मजबूर कर दिया। पदमा विश्वकर्मा एवं नन्हे फौजी सत्यम कसौधन की बाल प्रस्तुतियों को भी खूब सराहा गया। नियाज़ कपिलवस्तुवी के संचालन में संपन्न कार्यक्रम को वरिष्ठ कार्यकत्री जुबैदा खातून, आरती देवी तथा प्रधानाध्यापिका किरन उपाध्याय, शबाना बेगम, चित्ररेखा मिश्रा, सुषमा पांडेय एवं अमिता शुक्ला ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में दो मिनट का मौन रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता स्वर्गीय हीरा बेन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में धर्मेन्द्र सिंह, जितेंद्र मिश्रा, निवेदिता सांकृत, राजेश कुमार, जमील अहमद, राकेश पांडेय, सत्येंद्र गुप्ता, राजेश कुमार, मदनलाल, दीपक श्रीवास्तव, विजया यादव, रामकृष्ण चौरसिया, राजेश यादव आदि सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं शिक्षकों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।