सिद्धार्थनगर : राकेश दत्त को देख सवर्णों में चेयरमैन बनने की उम्मीद जगी,मिल रहा भारी जनसमर्थन
राजेश शर्मा/दैनिक बुद्ध का सन्देश
सिद्धार्थनगर। नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर के होने वाले चुनाव में इस बार सवर्णों की संख्या का आकलन हर उम्मीदवार करने में लगा हुआ है और सवर्ण भी इस बार अपनी हिस्सेदारी और उम्मीदवारी को देखकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं लेकिन क्या भाजपा अपने इन सवर्ण उम्मीदवारों को टिकट देकर पहली बार किसी सवर्ण उम्मीदवार को नगर पालिका अध्यक्ष पद पर पहुंचाने का काम करेगी जिला मुख्यालय के बुद्धिजीवियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको बता दें कि काफी दिनों बाद राकेश दत्त त्रिपाठी के रूप में जिला मुख्यालय के लोगों को एक युवा सशक्त उम्मीदवार चेयरमैन के रूप में दावेदारी ठोकते हुए मिल रहा है।
जहां एक तरफ पुराने दिग्गज लगे हुए हैं तो वहीं पहली बार मैदान में उतरे प्रियंका त्रिपाठी पत्नी राकेश दत्त त्रिपाठी ने अपने जनसंपर्क अभियानों से और चुनाव के नए तरीके से लोगों को चौंका दिया है आज हर घर में प्रियंका त्रिपाठी के नाम की चर्चा होने लगी है यह निश्चित रूप से एक अचरज भरा है जब किसी सवर्ण उम्मीदवारों से लोगों की आस जगी है लेकिन अब बाल भाजपा के पाली में जा रहा है जहां पर इन उम्मीदवारों की मेहनत का फल मिलना है अब देखना है कि भाजपा जनपद के किन सीटों पर सवर्ण उम्मीदवारों को उतारेगी क्या नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर की सीट को सवर्ण उम्मीदवारों को देगी, वैसे देखा जाए तो जहां बर्डपुर में ओबीसी उम्मीदवार ,उसका में ओबीसी उम्मीदवार और शोहरतगढ़ में ओबीसी उम्मीदवार लगभग तय है तो ऐसी स्थिति में निश्चित रूप से नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर को सवर्ण उम्मीदवार पर ही भाजपा को दांव लगाना चाहिए जिससे कि जनपद के सभी सवर्ण जातियां भाजपा पर विश्वास कर सकें और जी जान से मेहनत कर सकें वैसे देखा जाए तो राकेश दत्त त्रिपाठी एवं प्रियंका त्रिपाठी नगर पालिका परिषद के 25 वार्डाे के हर घर जाकर जनसंपर्क अभियान कर वोट मांगते लगातार नजर आ रहे हैं तो वही उनके युवा साथी भी पीछे नहीं है लोगों की उम्मीदें जहां राकेश दत्त त्रिपाठी पर लगी हुई हैं तो वहीं राकेश दत्त त्रिपाठी की उम्मीद एवं सवर्ण जातियों की उम्मीद भाजपा से लगी हुई हैं अब देखना है कि भाजपा नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर से सवर्ण जाति के उम्मीदवार को टिकट देकर न्याय कर पाती है या पुनः किसी अन्य जाती को टिकट देकर सवर्ण जातियों को मात्र लाली पॉप देकर अपना वोटर ही बनाए रखने में सफल होती है।