तुलसियापुर : बाढ़ ने सब कुछ तबाह अब डीएपी की किल्लत से किसान परेशान
दैनिक बुद्ध का संदेश
तुलसियापुर। डीएपी की किल्लत से किसान परेशान हैं। एक से दूसरी समिति और एक से दूसरी दुकान तक पूरे दिन दौड़ लगाने के बाद भी खाद नहीं मिली है। हर जगह यही कहा जाता है कि डीएपी आई तो थी, लेकिन खत्म हो गई।नेपाल सीमा से सटे होने के कारण यहां से अधिकतर खाद को तस्करी करके नेपाल पहुंचा दिया जाता है। किसान अजय वरुण ने बताया कि इस समय सरसों, मटर के साथ ही शरद कालीन गन्ने की बुआई का सीजन है। इसके लिए डीएपी व एनपीके खाद की आवश्यकता है। समितियों पर खाद नहीं है।
तमकुहवा के 20-20 किमी दूर सहकारी समितियों से खाली हाथ लौट रहे किसान किसान अशोक पासवान का कहना है कि डीएपी की किल्लत से वह परेशान हैं। कई दुकानों पर गए,लेकिन कहीं खाद नहीं मिली।जलापुरवा के किसान आनंद प्रताप सिंह ने कहा कि डीएपी नहीं मिल पर रही है। प्राइवेट दुकानदार महंगे दामों पर बेच रहे हैं। असली या नकली का पता ही नहीं चल रहा।चरिहवां के लल्लू मिश्र का कहना है कि बिना डीएपी के कैसे बुआई करें। केवटलिया के सुरेंद्र चौहान का कहना है कि पहले बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया, अब खाद की कमी से खेती पिछड़ रही है।