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भागवत कथा मानव को ऐश्वर्य व समृद्धि प्रदान करती है,कौशलेन्द्र दास, सोनभद्र
भागवत कथा मानव मात्र को ऐश्वर्य व समृद्धि प्रदान करती है: कौशलेंद्र दास । जनपद के घोरावल तहसील क्षेत्र अंतर्गत खिरिहिटा चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के दूसरे दिन की कथा में सुप्रसिद्ध कथावाचक कौशलेंद्र दास जी महाराज ने अपने कथा उद्बोधन में कहा की भगवत प्राप्ति का सवोर्त्तम ग्रंथ श्रीमद्भागवत है, इसमें ज्ञान भक्ति , वैराग्य की त्रिवेणी मानव मात्र के जन्म- जन्मांतर के कल्मष को धोकर जीव को शुध्द-बुद्ध एवं भगवत प्राप्ति के योग्य बनाती है। उन्होंने कथा प्रेमियों को अपनी संगीत में कथा के माध्यम से भगवत प्राप्ति हेतु आस्था निष्ठा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना श्रेयस्कर होता है। कथा में आगे बताया कि संसार का प्रत्येक जीव परीक्षित है,जिसकी गर्भ में जाकर के नारायण रक्षा करते हैं। वहीं जीव जब संसार में आकर के काम, क्रोध, मद मोह, लोभ, ईष्या, द्वेष और पाखण्ड से दुषित होकर के जीव अपने जीवन में किसी गलत आचरण के द्वारा आषित होकर जाता है तो ही भगवान पुनः सुकदेव बनकर के उसे संदेह रहित कर अमरत्व की प्राप्ति कराते हैं। उन्होंने आगे कहां भागवत की कथा जीवन के सारे संदेहों को मिटाने वाली है एवं मानव मात्र को दोष - मुक्त कर सुख - शांति व समृद्धि ऐशवर्यादि गुणों से युक्त कराने वाली है । उनके साथ संगीत कलाकार अतुल तिवारी, तबला वादक जलज पाठक, गायन गोविंद मिश्रा, पैड वादक शशि तिवारी और बासुरी कलाकार विजय सिध्दार्थ ने संगत किया। कथा श्रवण करने के समय क्षेत्र के सैकड़ों नर नारी मौजूद रहे।
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