धार्मिक वह है जिसके जीवन,आचरण और व्यवहार में धर्म दिखे -अयोध्या प्रसाद
दैनिक बुद्ध का सन्देश
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पयागपुर/ बहराइच : गायत्री नव चेतना विस्तार केन्द्र के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् प्रज्ञा पुराण कथा एवं गायत्री महायज्ञ में शांति कुंज हरिद्वार से आये कथावाचक पण्डित अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी ने मानव जीवन के महत्ता की कथा सुनाकर श्रोताओ को भाव विभोर कर दिया। नगर क्षेत्र अंतर्गत भूपगंज बाजार स्थित रामलीला मैदान पर सोमवार से शुरू हुये सात दिवसीय श्रीमद प्रज्ञा पुराण कथा व गायत्री महायज्ञ के प्रथम दिवस देवपूजन के बाद कथावाचक पण्डित अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी ने मानव जीवन के महत्त्व की कथा सुनाई।”बड़ी भाग्य मानुष तन पावा”की चौपाई पर प्रकाश डालते हुये उन्होंने कहा कि कोटि जन्मों के पुण्य से मनुष्य रूपी शरीर मिलता है।मनुष्य के जीवन का लक्ष्य भगवान से जुड़ना है। उन्होंने कहा कि धार्मिक वह है,धर्म जिसके जीवन मे,आचरण एवं व्यवहार मे दिखाई पड़े।कथावाचक ने चौपाई”भक्ति सकल गुण खानी, बिनु सत्संग न पावै प्राणी”के माध्यम से मानव जीवन की महत्ता पर प्रकाश डाला। प्रज्ञा पुराण की कथा में कथावाचक ने प्रज्ञा पुराण की कथा को दुःख नाशनी कथा बताते हुये उसे विस्तार पूर्वक भक्तों को श्रवण कराया।इस अवसर पर संगत टोली द्वारा प्रस्तुत मनमोहक भजनों पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध रहे।इस दौरान परिब्राजक ज्ञान प्रकाश शुक्ल,एडवोकेट कृपा राम ,प्रज्ञा मण्डल के वृजलाल वर्मा,बनवारी लाल,प्रेम कुमार, गनेशी चौहान,राम खेलावन,मालिक राम शर्मा, ईश्वरदीन सिंह,बदलू राम विश्वकर्मा, महराज दीन, कृष्ण कुमार सिंह,अनुराग कश्यप सहित तमाम लोग मौजूद रहे।