भनवापुर : कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती का दिया गया प्रशिक्षण
भनवापुर ।कृषि विज्ञान केंद्र सोहना सिद्धार्थनगर पर कृषि सखियों की चल रही प्राकृतिक खेती पर पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवम अध्यक्ष डा. ओम प्रकाश ने वर्तमान में रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती अपनाने से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी दी और कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती के प्रसार की तकनीकों और तरीकों के बारे में विस्तृत जनकारी दी।
केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ. शेष नारायण सिंह ने बताया रासायनिक खेती बाजार पर अधारित होने के कारण बहुत ही खर्चीली है जिससे किसानों को खेती से लाभ कम हो रहा है और साथ ही साथ रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से जल, मृदा, मनुष्य और पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्राकृतिक खेती अपनाने से खेती से उत्पादन लागत कम होगी जिससे लाभ में वृद्धि होगी और रसायनों के प्रयोग न होने से मृदा, जल, मनुष्य एवम पशुओं के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा। केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डा. प्रवेश कुमार देहाती ने कृषि साखियों को प्रशिक्षण में सब्जियों की खेती प्राकृतिक विधि से करने विस्तृत जानकारी दी जिसमें अच्छादन, जीवामृत, निमस्त्र बनाने एवम प्रयोग विधि भी बताई। प्राकृतिक खेती से गुणवक्ता उक्त उत्पाद की पोषण मान अधिक होने के कारण बाजार मूल्य भी अधिक मिलता है।कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सर्वजीत ने बताया कि कृषि में बीजोपचार का विशेष महत्त्व है इसके लिए बीजामृत तैयार करते हैं वीजामृत बनाने के लिए 20 ली पानी ,5 किलो गोबर, 5 ली गौ मूत्र ,50 चूना, 50 ग्रा मिट्टी का उपयोग करते हैं इससे बीज जनित बीमारियां नही होती हैं। कार्यक्रम में दीनानाथ , राम निवास चैंपियन फार्मर भी उपस्थित रहें। कार्यक्रम में आरती, बंदना, माया देवी, पूजा विश्वकर्मा, साधना चतुर्वेदी, उर्मिला, रेखा, अनुपम, राधिका आदि कृषि सखियों उपस्थित रहीं।