गोरखपुर        महराजगंज        देवरिया        कुशीनगर        बस्ती        सिद्धार्थनगर        संतकबीरनगर       
उत्तर प्रदेशबहराइच

घोटाले से संबंधित लगाए जा रहे आरोप मनगढ़ंत एवं तथ्यहीन

सीएचसी के लगभग 23 कर्मचारियों ने पत्र लिखकर फार्मासिस्ट के साथ काम ना करने का लिया निर्णय

दैनिक बुद्ध का सन्देश

बहराइच | उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी अस्पताल जनता की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संचालित किया जा रहे हैं और लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए हर संभव सभी दवाएं और उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि लोगों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके | इसी क्रम में सीएचसी विशेश्वरगंज में दवाओं से सम्बंधित मामलों में भारी धांधली की मामला प्रकाश में आया है | जब इस मामले की जांच पड़ताल के लिए दैनिक बुद्ध का संदेश संवाददाता ने सीएचसी विशेश्वरगंज का दौरा किया तो ढाई करोड़ घोटाले से संबंधित लगाए जा रहे आरोप मनगढ़ंत एवं तथ्यहीन मिले | इस घोटाले का सीएचसी अधीक्षक विशेश्वरगंज धीरेंद्र कुमार तिवारी ने तथ्यहीन और निरर्थक तथा मनगढ़ंत बता कर खंडन किया | सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिसने यह आरोप लगाया है वह मानसिक रूप से विचलित और अस्थिर , कर्मचारियों को काम ना करने और बेवजह परेशान करने , गलत व्यवहार करने , नशे की हालत में रहकर लोगों को परेशान करने वाला है | सीएचसी विशेश्वरगंज का दवाओं का साल भर का वर्चुअल (आभासी) बजट लगभग 35 लाख रुपए है; फिर 6 महीने में कैसे ढाई करोड़ का घोटाला हुआ | उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड से दवाएं जिला स्तर पर आती हैं फिर उसके बाद दवाएं जिले के विभिन्न सीएचसी केंद्रों पर भेजी जाती हैं ; सारी दवाएं जो सप्लाई की जाती है वह सब एक ही प्रकार की होती हैं | वर्ष 2023 – 24 में सीएचसी विशेश्वरगंज का टोटल वर्चुअल बजट 20 से 23 लाख रुपए के बीच में रहा और यह घटता बढ़ता रहता है | किसी भी प्रकार से दवाओं से संबंधित कैश का लेनदेन नहीं होता है ; दवाओं की मांग दवाओं के खर्च के अनुसार ही जिला स्तर से मंगाई जाती है | प्रतिदिन दवाओं से संबंधित रजिस्टर मेंटेन किया जाता है और स्टॉक रजिस्टर तथा इंडेंट रजिस्टर दोनों सही पाए गए तथा इन रजिस्टरों पर सीएचसी अधीक्षक के हस्ताक्षर भी मिले | सीएचसी के लगभग 23 कर्मचारियों ने पत्र लिखकर कर्मचारी हित में कार्य करने एवं फार्मासिस्ट के साथ काम ना करने का निर्णय लिया है | लिखे गए पत्र में फार्मासिस्ट का गलत रवैया , काम ना करने देने का आरोप लगाया है | निस्तारण न होने के मामले में कर्मचारी कार्य छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे ; इससे संबंधित पत्र जिले स्तर पर भेज दिया गया है |

Related Articles

Back to top button