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सिद्धार्थनगर : प्रेग्नेंसी में चिकन खाना सुरक्षित है या नहीं, जानें फायदे और नुकसान – डा0 सलोनी उपाध्याय

दैनिक बुद्ध का सन्देश
सिद्धार्थनगर। मीडिया से बातचीत के दौरान विनोद प्रकाश लाइफकेयर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल एण्ड ट्रामा सेन्टर (टच्स्) की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा0 सलोनी उपाध्याय ने बताया कि प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन का एक अनोखा समय होता है। मां बनने की खुशी के साथ ही अलग-अलग तरह की चीजें खाने का खूब मन होता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान स्त्री को अपने सेहत की विशेष देखभाल की जरुरत पड़ती है और संतुलित आहार के साथ ही आवश्यक विटामिन, कैल्शियम और आयरन का भी सेवन करना पड़ता है। गर्भावस्था में अपने आहार में कई खाद्य पदार्थों को शामिल करना बेहद जरुरी होता है जबकि कुछ चीजों से परहेज करने की भी जरुरत पड़ती है। नॉनवेज खाने वाली महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान चिकन खाना चाहिए या नहीं, आमतौर पर हर प्रेगनेंट महिला के मन में यह सवाल जरूर रहता है। चूंकि चिकन में कई तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं जो शरीर को पोषण और एनर्जी प्रदान करते हैं। इसलिए गर्भावस्था में चिकन खाना कई बार जरुरी माना जाता है। हालांकि चिकन खाने से गर्भवती महिला को संक्रमण होने का जोखिम भी रहता है। इस आर्टिकल में हम आपको बतायेंगे कि गर्भावस्था में चिकन खाने के फायदे और नुकसान। 1. क्या प्रेग्नेंसी में चिकन खाने से होता है फायदा गर्भावस्था के दौरान ताजा चिकन खाना कई मायनों में फायदेमन्द होता है। गर्भवती महिला को हमेशा अच्छी तरह से पकाया हुआ चिकन खाना चाहिये। नियमित चिकन खाने से महिला को थकावट और कमजोरी नहीं होती। 2. प्रेग्नेंसी में कितना चिकन खाना चाहिये-प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली मां को दिन में 100 ग्राम तक चिकन का सेवन करना चाहिये। हालांकि, इसकी मात्रा महिला की जरूरत के अनुसार थोड़ा इधर उधर भी हो सकती है। चिकन खाने से पहले आप अपनी डॉक्टर से सलाह जरूर लें। आपकी हेल्थ के अनुसार वो आपको सटीक मात्रा बता सकते हैं। 3. मांसपेशियों को मजबूत रखने में-चिकन में भरपूर मात्रा में एमिनो एसिड पाया जाता है जो मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है और भ्रूण के विकास में सहायक होता है। इसको खाने से शरीर में ताकत आती है और गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से गर्भवती को पर्याप्त मात्रा में एनर्जी मिलती है। नियमित चिकन खाने से महिला को थकावट, कमजोरी या ऊर्जा की कमी के जोखिम से बचाया जा सकता है।

4. कोलेस्ट्रॉल से बचाने में-चिकन में कम मात्रा में फैट पाया जाता है जो प्रेगनेंसी के दौरान कोलेस्ट्रॉल को नियन्त्रित रखता है और शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करता है। 5. आयरन की भरपाई करने में-प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर को अधिक मात्रा में आयरन की जरुरत पड़ती है। चिकन में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है जो नई कोशिकाओं का निर्माण करने और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यदि शरीर को ठीक प्रकार से आयरन नहीं मिला तो एनीमिया होने का डर है। इससे होने वाले बच्चे का वजन कम हो सकता है तथा अन्य समस्यायें पैदा हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी में चिकन खाने के फायदे और नुकसान-1. गर्भावस्था के दौरान बाजार के फ्राइड चिकन खाने से परहेज करें अन्यथा इसमें मौजूद हानिकारक तत्व सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 2. प्रेग्नेंसी में अधपका चिकन खाने से इसमें मौजूद ई कोलाई जीवाणु मां और बच्चे दोनों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। 3. फ्रोजन चिकन काफी हानिकारक होता है इसलिए प्रेग्नेंसी में इस तरह का चिकन नहीं खाना चाहिए। 4. गर्भावस्था के दौरान तन्दूरी चिकन खाने से मां और बच्चे दोनों की सेहत प्रभावित होती है। इस प्रकार प्रेग्नेंसी के दौरान चिकन खाने के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। यदि आपकी प्रेग्नेंसी हेल्दी नहीं है या किसी अन्य तरह की समस्या है तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही चिकन का सेवन करें।

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