सिद्धार्थनगर : लंम्पी स्किन डिजीज का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए टीकाकरण अभियान को हरी झंडी
दैनिक बुद्ध का सन्देश
सिद्धार्थनगर। भारत सरकार के पशुपालन एवं दुग्धशाला विभाग द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव,पशुधन,उत्तर प्रदेश शासन ने उत्तर प्रदेश में लंम्पी स्किन डिजीज का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लंपी स्किन डिजीज टीकाकरण अभियान का आज से पूरे प्रदेश में शुभारम्भ किया गया है। उसी के क्रम में जनपद सिद्धार्थनगर में भी पशु चिकित्सालय,नौगढ़ सदर के प्रांगण में पशुपालन विभाग द्वारा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ जीवन लाल के नेतृत्व में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विधानसभा कपिलवस्तु के माननीय विधायक श्यामधनी राही ने टीकाकरण टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। विधायक श्यामधनी राही ने पशुपालन विभाग के टीकाकरण टीम में लगे हुए सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को को संबोधित करते हुए कहा कि लम्पी स्किन डिजीज से गोवंश को बचाने के लिए टीकाकरण बहुत ही आवश्यक है। इसको आप सभी लोग गंभीरता पूर्वक रोस्टर के अनुसार पूर्ण करें और मैं सभी पशुपालकों से अपील करता हूं कि आप अपने गाय, बछवा,बछिया को यह टीका अवश्य लगवाये क्योंकि यह बीमारी होने के बाद गोवंश को बहुत पीड़ा होती है तथा बीमारी को ठीक होने में बहुत समय लगता है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जीवन लाल ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि लंपी स्किन डिजिज टीकाकरण दूसरे फेस के तीसरे चरण का यह अभियान दिनांक 15 सितंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2024 तक लगातार 45 दिनों तक संचालित किया जाएगा। पूरे जनपद में 28 टीम बनाई गई है। वह टीमें घर-घर गांव गांव जाकर टीकाकरण अभियान से सभी गोवंश को आच्छादित करेंगे। इस जनपद में लगभग 97 हजार गोवंश है जिसके सापेक्ष निदेशालय से 77700 वैक्सीन डोज जनपद को प्राप्त हो चुकी है। डॉ जीवनलाल ने बताया कि लंपी स्किन डिजीज एक विषाणु जनित रोग है। इस रोग के होने के बाद पशुओं में तेज बुखार, आंख और नाक से पानी गिरना,पैरों में सूजन आना, पूरे शरीर में कठोर एवं चपटी गांठ आदि प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं। कभी-कभी पूरा शरीर गांठो से ढक जाता है। इस बीमारी को होने के बाद पशुओं का वजन घटने लगता है,शरीर कमजोर होने लगता है तथा अत्यधिक कमजोरी होने के उपरांत पशु की मृत्यु भी हो सकती है। गाभिन पशुओं में गर्भपात होने की भी संभावना बढ़ जाती है तथा दुधारू पशु अपना दूध कम कर देता अथवा छोड़ देता है। विषानु जनित रोग होने के कारण इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है,टीकाकरण इसका मुख्य बचाव है। अगर आपके पशुओं में इस प्रकार का कोई लक्षण दिखाई देता है तो तत्काल अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें और तब तक के लिए अपने पशुओं को अलग रखने की व्यवस्था कर दें। इस टीकाकरण अभियान के कार्यक्रम का संचालन पशुधन प्रसार अधिकारी अरुण कुमार प्रजापति ने किया। टीकाकरण अभियान के इस कार्यक्रम के दौरान उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ ऋषिकेश दर्शन,सदर डॉ आरबी यादव, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिमेष मिश्रा, डॉ देवेंद्र कुमार, डॉ विनोद पांडे, डॉ प्रदीप कुमार,पशुधन प्रसार अधिकारी अरुण कुमार प्रजापति, रमेश चंद्र, अरुण पांडे, प्रियंका श्रीवास्तव, देवेंद्र कुमार वेटरनरी फार्मासिस्ट में जितेंद्र श्रीवास्तव रवि कुमार सहित सभी पशु मित्र उपस्थित रहे।