बलरामपुर : मीडिया में प्रसारित खबर का बलरामपुर प्रशासन ने लिया संज्ञान
दैनिक बुद्ध का सन्देश
बलरामपुर। थाना तुलसीपुर अन्तर्गत ग्राम पिपरहवा विशुनपुर निवासी हनीफ पुत्र जलील की निजी भूमि पर स्थानीय पुलिस द्वारा कब्जा करा देने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित हनीफ की शिकायत पर जिलाधिकारी श्री अरविन्द सिंह ने घटना की मजिस्टीरियल जांच के आदेश दिए हैं और अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व प्रदीप कुमार को जांच अधिकारी नामित किया है। बताते चलें कि हनीफ पुत्र जलील ने जिलाधिकारी को स्पीड पोस्ट के जरिए शिकायत भेजी कि उसका भूमि विवाद माननीय न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन बलरामुपर के यहां चल रहा है और निषेधाज्ञा का वाद भी विचाराधीन है। बीते 15 जून को पीड़ित की 40 वर्षों से कब्जा श्ुादा जमीन पर एक दरोगा और दो सिपाहियों द्वारा उसकी गैर मौजूदगी में उसका घर गिरा दिया गया एवं छाजन उजाड़ दिया गया तथा आवासीय भूमि का बलपूर्वक कब्जा पर भी करा दिया गया धमकी भी दी गई, इसके आरोप शपथपत्र पर लगे हैं तथा इसी घटना का वीडियो का वायरल हुआ है।
पीड़ित द्वारा शपथपत्र पर शिकायत की गई है कि बीते 15 जून को ही जिस दिन उसकी जमीन पर स्थानीय पुलिस द्वारा कब्जा कराया गया उसी दिन पुलिस अधीक्षक बलरामपुर को तहरीर प्रार्थनापत्र आईजीआरएस के माध्यम देकर तथाकथित आपराधिक अवैधानिक कृत्य से अवगत कराते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की थी। 15 जून को दिये तहरीर पर कार्यवाही न होने पर पीड़ित हनीफ ने 18 जून को डीएम को जरिए स्पीड पोस्ट पूरी घटना का विवरण एवं साक्ष्य मय शपथपत्र संलग्न करते हुए न्याय दिलाने की गुहार की एवं दोषी पुलिस कार्मिकों एवं अधिकारियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कराने की मांग की। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में शपथपत्र पर दावा करते हुए कहा कि प्रार्थी के नाम 40 वर्षों से दर्ज भूमि जिस पर वह काबिज है और जो जमीन राजस्व अभिलेखों में उसकी है उस पर दरोगा मयफोर्स ने एक तरफा कार्यवाही करते हुए कब्जा परिवर्तन करा दिया और उसका घर गिरवा दिया जबकि बिना किसी सक्षम राजस्व अधिकारी के मौजूदगी के पुलिस को भूमि विवाद में सीधा हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है। वह भी तब जब उसी भूमि का विवाद दीवानी न्यायालय में चल रहा हो।
विदित हो कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका संख्या- 4161/2023 दिनांक 25.05.2023 को हरवीर बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य में पारित आदेश के क्रम में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्गत शासनादेश संख्या-72/2024/129पी0/छः-पु0-6-2024-6-6099 /114/ 2023 दिनांक 21 जून 2024 के क्रम में आदेश पारित करते हुए सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी व्यक्ति की प्राइवेट भूमि पर पुलिस द्वारा कब्जा नहीं किया अथवा कराया जाएगा। और यदि माननीय हाईकोर्ट तथा मुख्य सचिव महोदय के आदेश अनुपालन नहीं किया जाता है तो संबंधित पुलिस अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 द्वारा 11 मार्च 2023 को जारी मा0 उच्च न्यायालय के रिट याचिका संख्या- 126/2023 प्रेमलता मौर्य बनाम उ0प्र0 राज्य में पारित आदेश दिनांक 16 फरवरी 2023 में स्पष्ट रूप से सभी पुलिस अधीक्षकों को आदेशित किया गया है कि पुलिस कार्मिकों एसएसओ, इन्सपेक्टर, सब इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस कार्मिक द्वारा निजी पक्षकारों के विवाद में बिना सक्षम न्यायालय अथवा बिना सक्षम उप जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के जबरन भूमि/अचल सम्पत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कराए जाने के प्रकरणों में पुलिस कार्मिकों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाय।
चूंकि इस प्रकरण में डीजीपी के परिपत्र, हाईकोर्ट के आदेश, मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी तुलसीपुर में पुलिस पर आरोप लगे हैं और घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है। फिर भी अद्यतन स्थिति जैसा कि शिकयतकर्ता ने पुनः हलफनामें के द्वारा अवगत कराया है कि दोषियों के विरूद्ध कोई कानूनी कार्यवाही एवं एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। अतः पीड़ित की शपथपत्र पर दी गई शिकायत एवं वायरल्ड वीडियो का संज्ञान लेते हुए अन्तिम विकल्प के रूप में मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सांवधिक मजिस्टीरियल जांच संस्थित की गई है तथा 07 दिनों के अन्दर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं।