सिद्धार्थनगर : दुर्गा प्रतिमा पाण्डाल की समस्या निपटाने गए सिपाही भूले भाषा की मर्यादा
दैनिक बुद्ध का संदेश
शोहरतगढ़/सिद्धार्थनगर। नगर पंचायत में दुर्गा प्रतिमा पाण्डाल के पास कतिथ विवाद को सुलझाने आयी पुलिस, खुद अपने ही सिपाही से उलझ गयी। मामला इस कदर बढ़ने लगा कि मानो छिटपुट की घटना बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। बहरहाल वहां मौजूद एक उपनिरीक्षक व कुछ पुलिस कर्मी समेत मामले को जानने आये लोगों के बीच बचाव से मामला सुलझ गया। जानकारों की माने तो करीब 40 वर्ष पुरानी कमेटी कृषक मण्डल के पाण्डाल पर दुर्गा प्रतिमा स्थापना और रास्ते के कतिथ विवाद को लेकर स्थानीय पुलिस शिकायत के आधार मामले को जानने के लिए आई थी।
घटना स्थल पर पाण्डाल के बगल से आने-जाने वाले रास्ते को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ था। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में वहाँ मौजूद दोनों समुदायों की पहल के बाद यह निष्कर्ष निकला कि पूर्व की भाँति ही पाण्डाल स्थापित किया जाय, इसमें किसी प्रकार का परिवर्तन न किया जाय और यही कारण रहा कि पुलिस और स्थानीय लोगों के आपसी पहल के कारण मामला शान्त होता नजर आ रहा था। इसी बीच पुलिसिया भाषा को लेकर दुर्गा पूजा संचालन समिति के अध्यक्ष सौरभ गुप्ता और थाने के सिपाही मोहम्मद खुर्शीद से सवाल जवाब होने लगा। मामला इस कदर बढ़ गया कि थाने के सिपाही भाषा की मर्यादा भूल गये और दुर्गा पूजा संचालन समिति के अध्यक्ष सौरभ गुप्ता समेत सादे वर्दी में सिपाही अशोक से भी जुबानी जंग में भिड़ गए। खैर जुबानी जंग मारपीट में तब्दील होती कि इससे पहले मामला ही शांत हो गया। किन्तु इस तरह की घटना पुलिसिया उच्च अधिकारियों की चिंता बढ़ा सकती है? क्या मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को और चौकन्ना रहने की जरूरत है। उक्त के संदर्भ में प्रभारी निरीक्षक पंकज पाण्डेय ने कहा कि प्रकरण की जांचकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। लाइन-आर्डर से किसी प्रकार का कोई समझौता नही किया जाएगा।