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सिध्दार्थनगर : जनपद में मुर्दोको कोटेदार खिला रहे हैं राशन

दैनिक बुद्ध का संदेश
शोहरतगढ़/सिध्दार्थनगर। जिले के हजारों परिवारों में सदस्यों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन उन्हें खाने के लिए सरकारी भण्डार से अनाज नहीं मिल पा रहा। इसका प्रमुख कारण ये है कि उनके नाम राशन कार्ड में नहीं जुड़ पा रहें। कई साल से लोग चक्कर काट रहे हैं। उन्हें यही बताया जा रहा है कि केन्द्र सरकार की ओर से सम्बन्धित पोर्टल लॉक है। लोग राशन कार्ड में सदस्य का नाम जुड़वाने के लिए ई-मित्र केन्द्रों के 14 माह से चक्कर लगा रहे है। ई-मित्र ऑपरेटरों द्वारा पोर्टल बन्द होने की जानकारी दी जाती है। जबकि उसी पोर्टल पर नाम हटाने की प्रक्रिया चालू है। लोग के नाम नहीं जुड़ पाने से लोगों को कई योजनाओं के कार्य अटके हुए है। जैसे जाति व मूल निवास तथा आधार कार्ड बनवाने के लिए राशन कार्ड में व्यक्ति का नाम होना अनिवार्य है।

ऐसे में नाम नहीं होने से उनके कार्य नहीं हो पा रहे है। नवविवाहित महिला का उसी पोर्टल से पीहर के राशन कार्ड में से नाम तो हट गया, लेकिन ससुराल में नाम नहीं जुड़ पा रहा है। जिससे वर्तमान में उनका कही भी नाम नहीं है। जिससे आगे प्रक्रिया रुकी हुई है। खाद्य विभाग के पोर्टल से नाम जुड़वाने का लिंक हटा देने से लोग परेशान है। वहीं कार्डधारकों के सदस्य का नाम राशन कार्ड में नाम नहीं होने से उसे राशन सामग्री से वंचित रहना पड़ रहा है। इस तरह से कई सरकारी योजनाओं के लाभ से उन लोगों को वंचित रहना पड़ रहा है। महामारी के चलते कई लोग जो बाहर शहरों में मजदूरी का कार्य करते थे, वे अब गांवों में लौट आये हैं। उनको सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड की जरूरत है। लेकिन उनके राशन कार्ड नहीं बन रहे है। जिससे बिना राशन कार्ड के खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बहुत से ऐसे कार्ड धारक हैं जो परिवार की सदस्य के मौत के बाद भी सरकार द्वारा मुफ्त अनाज खा रहे हैं, भले ही वह इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनके नाम का राशन उनके परिवार के लोग खा रहे हैं।

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