गोरखपुर : दो दिवसीय किशोर स्वास्थ्य अभिविन्यास कार्यशाला का उद्घाटन
दैनिक बुद्ध का संदेश
गोरखपुर। राष्ट्रीय सेवा योजना सेंट एंड्रयूज कॉलेज, गोरखपुर तथा सिफ्सा के संयुक्त तत्वाधान में संचालित यूथ फ्रेंडली सेंटर द्वारा 08 से 09 नवम्बर 2023 तक आयोजित दो दिवसीय किशोर स्वास्थ्य अभिविन्यास कार्यशाला का उद्घाटन आज भूगोल विभाग में किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रुप में पधारे इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रविन्द्र आनन्द ने कहा कि किशोरावस्था में पारिवारिक जीवन शिक्षा आवश्यक है पारिवारिक जीवन शिक्षा किशोरों तथा किशोरियों के मन में आ रहे विचारों जिज्ञासाओं शारीरिक तथा मानसिक परिवर्तनों और उनकी क्रियात्मक ऊर्जा को सही दिशा प्रदान करने के लिए अत्यावश्यक है।
आयोजन सचिव के रूप में सिफ्सा के नोडल अधिकारी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेके पांडेय ने कार्यशाला की रूप-रेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण विकसित करने के लिए छात्र छात्राओं को प्रशिक्षित करने हेतु यह कार्यशाला आयोजित की गई है। इसके माध्यम से किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तनों से लेकर परिवार नियोजन तक की सही जानकारी दी जाएगी ताकि उनमें गलत व सही के बीच में अंतर पहचान कर सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित हो सकें। कार्यक्रम का संचालन डॉ जेके पाण्डेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अरविन्द कुमार सिंह ने किया। तकनीकी सत्र में मुख्य ट्रेनर के रूप में भूतपूर्व कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 सुनीता पाटर ने भारत में किशोरावस्था की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बताते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार कम से कम 20 प्रतिशत युवा मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव पोषण एवं स्वास्थ्य विषय पर बोलते हुए कहा कि यदि किशोर किशोरी पर्याप्त मात्रा में संतुलित आहार नहीं खाते हैं तो उनका संपूर्ण विकास नहीं होता है या देर से होता है। वह कुपोषित भी हो सकते हैं जिसका बुरा प्रभाव उन्हें अपने वयस्क जीवन पर पड़ता है। तकनीकी सत्र में डॉ0 जे0 के0 पांडेय ने एनीमिया, लड़के लड़की में भेद-भाव, नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान, सहज ढंग से अपनी बात रखना विषयों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पियर एजुकेटर अंकुर मिश्रा, निखिल दूबे, नारायण दिवेदी, वारिसा सिद्धीकी, आकाश, प्रांजल गौतम, आदित्य कुमार पाण्डेय, आदर्श सहित भूगोल विभाग के कुल 60 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता किया।