अंबेडकरनगर: जिलाधिकारी के चिकित्सकों की ऑनलाइन हाजिरी की जांच से मचा हड़कंप
कर्सर................जांची जाने लगी हाजिरी तो सीएचसी अधीक्षकों ने दिया पद से हटाने का पत्र
दैनिक बुद्ध का संदेश
अंबेडकरनगर। जिला प्रशासन द्वारा अस्पतालों में व्यवस्था सुधारने के लिए सख्ती शुरू करते ही दो सीएचसी के अधीक्षकों ने पद से हटाने का त्याग पत्र भेज दिया है। दरअसल डीएम सैमुअल पॉल एन प्रतिदिन सुबह दस बजे सभी सीएचसी, पीएचसी व जिला अस्पताल के चिकित्सकों से ऑनलाइन हाजिरी जांच रहे हैं।
इसे देखते हुए ही चिकित्सकों में हड़कंप की स्थिति है। इन सबके बीच कटेहरी व जहांगीरगंज सीएचसी के प्रभारियों ने सीएमओ को पत्र भेजकर निजी कारणों से मौजूदा पद से मुक्त किए जाने का पत्र भेज दिया है। फिलहाल इन पत्रों पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।जहांगीरगंज सीएचसी के अधीक्षक डॉ. उदयचंद यादव ने सीएमओ को पत्र भेजकर कहा है कि पारिवारिक समस्याओं के चलते अब अधीक्षक के तौर पर काम करना संभव नहीं है। बतौर चिकित्साधिकारी कार्य करने के लिए आदेशित किया जाए। उधर, कटेहरी के सीएचसी प्रभारी डॉ. गौतम कुमार मिश्र ने भी व्यक्तिगत कारणों का उल्लेख करते हुए कहा है कि प्रभारी चिकित्साधीक्षक के पद से मुक्त किया जाए। इन दोनों चिकित्सकों ने पत्र में व्यक्तिगत कारणों का जिक्र किया है, लेकिन माना जा रहा है कि जिला प्रशासन द्वारा अस्पतालों में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों के चलते ही दबाव महसूस कर यह निर्णय लिया गया है।उधर, सीएमओ डॉ. श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मैंने पत्र देखा नहीं है। कार्यालय में आया होगा तो उचित निर्णय लिया जायेगा। मालूम रहे कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार के लिए जिला प्रशासन की कोशिशें लगातार जारी हैं। गत दिवस ही जिला प्रशासन ने यह अनिवार्यता लागू कर दी है कि अब सीएचसी व पीएचसी से सामान्य किस्म के मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिए जाने की परंपरा पर रोक लगा दी जाए।डीएम ने कहा कि मरीजों को दौड़ाने की बजाए सीएचसी व पीएचसी में भर्ती किया जाए, जरूरी सुविधाएं दी जाएं। गंभीर मामला होने पर ही रेफर किया जाए। जाहिर तौर पर इस निर्णय से सभी सीएचसी व पीएचसी प्रभारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। इसी बीच बीते कुछ दिनों से डीएम ने प्रतिदिन सुबह दस बजे से सभी सीएचसी व पीएचसी के चिकित्सकों तथा जिला अस्पताल के चिकित्सकों एवं अधीक्षकों की मौजूदगी जानना शुरू किया है। ठीक 10 बजे से प्रतिदिन उन्हें आनलाइन मीटिंग के लिए एप पर जुड़ना होता है। ऐसा इसलिए, जिससे चिकित्सकों की समयबद्घता सुनिश्चित हो सके। जिला प्रशासन के इन निर्णयों से मरीजों को राहत तो मिलनी शुरू हुई है, लेकिन चिकित्सकों के बीच हड़कंप की स्थिति है।