उतरौला : छुट्टा पशु मुक्त किए जाने का फरमान अफसरों की जान सांसत बन गया
दैनिक बुद्ध का संदेश
उतरौला/बलरामपुर।सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की ओर से हर जिले की 31मार्च तक छुट्टा पशु मुक्त किए जाने का फरमान अफसरों की जान सांसत बन गया है।साल भर हाथ पर हाथ धरे बैठे अफसरों के पसीने छूट रहे हैं कि महज चार दिनों में कैसे छुट्टा पशुओं से निपटा जाए।बता दें कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 31 मार्च तक छुट्टा पशु मुक्त किए जाने का आदेश है।
किसानों के लिए जबर्दस्त संकट बन चुके छुट्टा मवेशियों से निपटने के लिए शासन के निर्देश पर अब तक दो दर्जन से अधिक अभियान चल चुके हैं।यह तहसील के हर ग्राम पंचायत स्तर पर अभियान चला लेकिन छुट्टा पशु भारी पड़े।यह हाल तब है जब कि तीन वर्षों के दौरान तहसील के सभी ग्राम पंचायतों और नगर पालिका के अन्तर्गत गौशलाएं हैं।प्रत्येक गौशालाओं में भूसे चारे समेत अन्य व्यवस्था के दावे किए जाते हैं लेकिन स्थिति जस की तस है।खुद जिम्मेदार तक स्वीकार करते हैं कि छुट्टा पशु लाइलाज बीमारी है लाख प्रयास के बाद भी इन पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। हवा में चलाए गए अभियानों में छुट्टा पशु पकड़ने की रस्म अदायगी की गई नतीजा अब जिम्मेदारों के पसीने छूट रहे हैं।
बाक्स………….सड़कों पर अक्सर दिख जाते हैं छुट्टा पशु
विकास खंड उतरौला के गांवों तिलखी बढ़या व गरीब नगर,मानापार बहेरिया,महिली,बरमभारी,गरीब नगर ,बभनी बुजुर्ग,रेहरा माफी,नगर पालिका समेत कुल आठ गौशालाएं हैं ।और वहां देखभाल के लिए केयर टेकर की नियुक्ति है फिर भी कस्बे के चौराहों व गलियों में छुट्टा पशु घूमते दिख जाएगें।
बाक्स………….जिम्मेदार के बोल
हमें 500 छुट्टा पशुओं को पकड़ने का लक्ष्य मिला है हालाकि हमने 400से ऊपर पशुओं को संरक्षित किया है लेकिन लोग लगातार अपने पशुओं को छोड़ रहे हैं। और गांव में गौशाला निर्माण का काम चल रहा है। जल्द ही छुट्टा पशुओं से छुटकारा मिल जाएगा।
डा0 धर्मेन्द्र कुमार ,पशु चिकित्साधिकारी उतरौला