डुमरियागंज : शिव सती प्रसंग सुनकर भाव विभोर हुए लोग
ध्रूव का चरित्र हमारे लिए प्रेरणास्रोत है स्वामी उत्तम कृष्ण
दैनिक बुद्ध का सन्देश
डुमरियागंज,सिद्धार्थनगर। सती के पिता दक्ष ने पद प्राप्त करने के बाद सम्मान सभा का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने सभी देवताओं को आमंत्रित किया उन्होंने देखा कि सभी उनका सम्मान कर रहे हैँ लेकिन ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने उनको सम्मान नही दिया जिसे उन्होंने अपना अपमान माना।
कुछ समय बाद ज़ब दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया तो उन्होंने शिव और पार्वती को इस यज्ञ में नही बुलाया लेकिन पार्वती बिना बुलाये ही अपने पिता के घर जाने की जिद करने लगी लेकिन शिव इस बात के लिए तैयार नही हुए इस पर माता पार्वती अकेले ही पिता के घर जा पहुंची, बिना बुलाये ही पहुंच जाने की वजह से माता पार्वती का यथोचित सम्मान नही हुआ जिससे आहत होकर उन्होंने यज्ञ के हवन कुंड में कूद कर अपना प्राण त्याग दिया दइयस प्रसंग को सुनाते हुए अयोध्या से पधारे स्वामी उत्तम कृष्ण शांडिल्य जी महाराज ने कहा कि कभी भी बिना बुलाये नही जाना चाहिए भले ही वो आपका मायका ही क्यों ना हो द्यबताते चलें डुमरियागंज के वार्ड नम्बर 13 लक्ष्मण नगर में 10 मार्च से शुरू हुए संगीतमयी श्री मद भागवत कथा में रविवार को स्वामी उत्तम कृष्ण शांडिल्य ने शिव सती प्रसंग के साथ साथ भक्त ध्रूव के चरित्र का भी वर्णन किया जिसमें उन्होंने कहा कि अपनी भक्ति के बल पर भक्त ध्रूव ने परम पद को प्राप्त कर लिया था दइयस अवसर पर श्याम लाल, अजय, विनोद, अनुज, अनिल, रवि आदि लोगों के साथ तमाम श्रोता गण उपस्थित रहे।