सिद्धार्थनगर : ब्रह्मज्ञान द्वारा मानव में सम्पूर्ण विकास सम्भव,ब्रह्म की प्राप्ति, भ्रम की समाप्ति: निरंकारी मिशन
दैनिक बुद्ध का संदेश
सिद्धार्थनगर। संत निरंकारी मिशन का एक आध्यात्मिक सतसंग रविवार को कस्बा के बुद्ध विद्यापीठ महाविद्यालय में सम्पन्न हुआ। मुखी डा. राजाराम यादव ने कहा कि बच्चों को सतसंग में जरूर लाना हैं। जहा प्रेम सिखाया जाता हैं। संत महात्मा गुरु से प्यार करते हैं। गुरु भी हम सभी से प्यार करते हैं। गुरु की असीम कृपा हैं कि निरंकार प्रभु को प्रकट कर दिए हैं। निरंकारी महात्मा प्रभु परमात्मा को देख कर भक्ति करते हैं। इस दर पर रमे हुए राम का दर्शन कराया जाता हैं। मनुष्य का जन्म ही ज्ञान की प्राप्ति के लिए हुआ है। सतसंग में जो कुछ सिखाया जाता है। उसे हम सभी को अपने जीवन मे उतारना चाहिए।
बिना डर के भक्ति भी नही हो पायेगा। जो भी कार्य करें उसे प्रभु परमात्मा देखता हैं। इसलिए हम सभी को हर कार्य बहुत सोच समझ कर करना चाहिए। सेवा सुमिरन करते हुए जीवन मे अगके बढ़ना चाहिए। मिशन से बताया गए पाच प्राण को मानना चाहिए। मुखी ने कहा कि यह तन, मन धन निरंकार प्रभु का हैं। इस पर कभी घमंड नही करना चाहिए। आज हैं कल नहीं रहेगा। किसी के खान-पान, रहन सहन व पहनावे पर आपत्ति व विरोध नही करना चाहिए। भेष भूषा बदल कर समाज पर बोझ नही बनना चाहिए। जात-पात वर्ण आश्रम का अभिमान नही करना चाहिए। ग्रहस्थ में रहना है, वेशधारी साधू संत फकीर बनकर समाज पर बोझ नही बनना चाहिए। सतगुरु का दिया गया ब्रह्म ज्ञान बिना सतगुरू के आज्ञा के नही खोलना चाहिए। संचालन प्रेम पासवान ने किया। डा. सुनील श्रीवास्तव, बृजमोहन, राम प्यारे, साधना, रिशा, खुशबू, गीता, राम लखन, इन्नर प्रजापति, धर्मराज, संतोल आदि लोगो ने भी अपने बिचार रखे।