बांसी : कृषि वैज्ञानिकों ने जैविक उत्पाद हेयरबालीव का किया परीक्षण
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बांसी,सिद्धार्थनगर। जैविक उत्पाद हेयरबालीव से छुट्टा पशुओं से छुटकारा के साथ में नाइट्रोजन उर्वरक का भी लाभ किसानों को मिल सकता है। कृषि वैज्ञानिकों ने सरसों के खेत में जाकर किसानों के साथ इसका परीक्षण किया है। मिठवल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने जैविक उत्पाद हेयरबालीव का परीक्षण बुधवार को मिठवल ग्राम के कुछ अग्रणी किसानो चंद्रशेखर गिरी, राकेश गिरी, संतराम गिरी, राम जी गिरी के साथ कृषि विभाग सिद्धार्थनगर के वैज्ञानिकों ने एफपीओ के चेयरमैन राजीव बख्शी के लगभग 5 एकड़ भूमि में गेहूं एवं सरसों की फसल पर परीक्षण किया गया।
सिद्धार्थनगर कृषि विभाग के अधिकारी राकेश सिंह यादव, अभिषेक सिंह राणा, अशोक कुमार एवं रामनाथ ने मिठवल ग्राम में किसानों के समक्ष परीक्षण किया। इस दौरान एफपीओ के सीईओ अंकुर बख्शी ने इस जैविक उत्पाद से किसानों को होने वाले लाभ तथा आवारा पशुओं से राहत के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। साथ में फसल में नाइट्रोजन उर्वरक यूरिया की मात्रा में कमी से होने वाली आर्थिक लाभ से भी अवगत कराया। कृषि विभाग के अधिकारियों ने इसका अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए किसानों को प्रेरित किया। कृषि वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि आगे आने वाली फसल चक्र के लिए यह उत्पाद अब मिठवल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा सभी प्रगतिशील किसानों को आसानी से मिल सकेगा।