बलरामपुर : लाल नगर आंगनवाड़ी केंद्र के पोषाहार वितरण मैं चल रहा कालाबाजारी का खेल
कर्सर............कालाबाजारी के लिए पोषण आहार रिक्शा पर ले जा रही आंगनवाडी कार्यकत्री रिक्शा रुकवाने पर खाद्यान छोड़ हुई फरार
प्रमोद पाण्डेय/दैनिक बुद्ध का संदेश
बलरामपुर। जहां सरकार तमाम योजनाओं के द्वारा कुपोषितों बच्चो और धात्री महिलाओं को लाभ पहुंचाने के बात कर रही हैं तो वहीं पर विभागीय मिलीभगत से भ्रष्टाचार का खेल भी बड़े स्तर पर होता देखा जा रहा है और जब बांटने वाले ही कलाबाजी करने पर उतारू हो और पोषण आहार जिस पर पात्र गरीब महिलाओं और कुपोषण के शिकार बच्चो का हक है उसे कालाबाजारी कर बाजारों में बेचा जाए तब धरातल पर योजनाओं की क्या अहमियत है और सरकार के द्वारा संचालित योजना का क्या होगा।
मामला विकासखण्ड तुलसीपुर के लालनगर ग्राम पंचायत का है जहां पर कुपोषण के शिकार बच्चों और धात्री महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में दाल दलिया रिफाइंड दवा और कई अन्य वस्तुओं का वितरण होना सुनिश्चित है और हर माह खाद्यान्न विभाग का द्वारा उठाया जाता है लेकिन स्थानीय ग्रामीणों की माने तो कई महीने से नहीं बांटा जा रहा है बल्कि वितरण के नाम कालाबाजारी का खेल आंगनवाड़ी केंद्र कार्यकत्री रश्मी पांडे के द्वारा किया जा रहा है जिसकी जानकारी ग्राम प्रधान और अन्य स्थानीय ग्रामीणों को होने पर उन्हों ने जब खाद्यान उठा कर रिक्शे में लाद कालाबाजारी को लेजाते कार्यकत्री का पीछा किया तब सारा खेल पता चला जिसकी सूचना स्थानीय पत्रकारों को मिलने पर जब खाद्यान लदे रिक्शे का पीछा करने लगे कि माल जाता कहां है तब आंगनवाड़ी कार्यकत्री रश्मी पांडे ने रिक्शा तुलसीपुर रेलवे परिसर मे घुसा कर अपने सहायको समेत फरार हो गई। जिसपर स्थानीय थाना से लेकर विभागीय अधिकारियों को सूचित किया गया है जिसमें मौके पर जी आरपी इंचार्ज की मौजूदगी रही। मौके पर तुलसीपुर की सीडीपीओ गरीमा श्रीवास्तव और बाल पुष्टाहार विभाग के अधिकारी भी उपस्थित हुए लेकिन विभागीय कार्यवाही के स्थान पर आँगन बाड़ी कार्यकत्री के बचाव करते नजर आए और यह कहते हुए की पकडा गया पोषण आहार रिफाइन और अन्य सामग्री प्रधान लालनगर के सिपुर्दगी में किया गया जिसे पुनः बटवा दिया जाए गा।वही जब रेलवे जीआरपी ने कार्यवाही की बात की तो कई राजनीतिक लोगो का दबाव बनाया गया जिसके चलते कार्यवाही नही की जा सकी और माल और रिक्शा छोड़ दिया गया जिससे साफ जाहिर होता है कि भृष्टाचार में लिप्त आंगनवाड़ी कार्यकत्री को कई सत्ता पक्ष नेताओं संरक्षण भी प्राप्त है फिर कैसे हो कार्यवाही और कैसे मिले शतप्रतिशत पात्र को योजना का लाभ।