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सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में विविधता में एकता भारत की एक विशेषता पर कार्यक्रम आयोजित

दैनिक बुद्ध का संदेश
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश में सोमवार को एकभारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत विविधता में एकता भारत की एक विशेषता, थीम पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसके अन्तर्गत, एन एस एस, एन सी सी और सभी छात्रों की सम्मिलित रैली,व्यंजन प्रतियोगिता, संगीत और नृत्य प्रतियोगिता, निबन्ध और पोस्टर प्रतियोगिता, और एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का प्रारम्भ कुलपति द्वारा प्रशासनिक भवन से रैली का शुभारंभ कर किया गया, तदुपरान्त विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत विविधता में एकता भारत की विशेषता विषय पर, जम्मू कश्मीर पर आधारित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रुप में प्रो ललित गुप्ता, जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू कश्मीर ने बड़े ही रोचक तथ्य एवं नवीन जानकारी चित्रों को प्रदर्शित करते हुए ऑनलाइन माध्यम से किया, उन्होंने कहा कि यदि भारत भूमि की विविधता को देखना चाहते हैं तो कश्मीर से बेहतर कुछ भी नहीं है। कश्मीर में पीरपंजाल, अखनूर, या कोई भी अन्य स्थान सभी विविधता के लिए जाने जाते हैं। कश्मीर 1400साल तक बुद्धिस्ट राज्य था उसके बाद यह मुस्लिम राज्य बन गया। कश्मीर में जीवन से जुड़ी प्रत्येक विविधता मिलती हैं जो सभी को जीवन पथ पर अग्रसर होने हेतु आवश्यक हैं। प्रो ललित गुप्ता जी ने बहुत ही खूबसूरत एहसास के साथ जम्मू कश्मीर पर आधारित व्याख्यान देते हुए सम्पूर्ण भारत को जोड़ने का प्रयास किया। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के आचार्य प्रो सौरभ श्रीवास्तव ने विशिष्ट वक्ता के रुप में संबोधित करते हुए कहा कि भारत सदैव विविधता का केन्द्र रहा है।

सर का भी व्याख्यान जम्मू कश्मीर पर आधारित था जिसे बहुत ही खूबसूरत एहसास के साथ सर ने बताते हुए सभी को अवगत होने का अवसर दिया। कार्यक्रम में उपस्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के मुख्य कुलानुशासक प्रो दीपक बाबू मिश्र ने अपने सम्बोधन से लाभान्वित किया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वन्दना,विश्वविद्यालय की कुलगीत और अतिथियों के स्वागत से हुई। स्वागत सम्बोधन सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की सहअधिष्ठता कला संकाय डॉ सुनीता त्रिपाठी द्वारा किया गया। विषय प्रस्तावना कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ सरिता सिंह ने बड़े ही रोचक तथ्य के साथ किया। अध्यक्षीय उद्बोधन सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कला संकाय प्रो हरीश कुमार शर्मा द्वारा किया गया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सर ने कहा कि भारत विविधता का केन्द्र रहा है और आज भी है और आगे भी बना रहेगा। कार्यक्रम का संचालन उर्दू विभाग के सहायक आचार्य डॉ अब्दुल हफीज द्वारा भारत की तहज़ीब में रही उर्दू भाषा के माध्यम से बड़े ही खूबसूरत अंदाज में किया। सर का संचालन बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक रहा।

कार्यक्रम समापन से पूर्व प्रतिभागी छात्रों को प्रमाण पत्र और मेडल प्रदान किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी के प्रति धनयवाद और आभार ज्ञापन प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग की सहायक आचार्य डॉ वन्दना गुप्ता जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ अविनाश प्रताप सिंह के साथ साथ डॉ यशवन्त यादव, राजश्री श्रीवास्तव, डॉ आभा द्विवेदी, डॉ धर्मेन्द्र कुमार, डॉ अरविन्द कुमार रावत, डॉ अमित कुमार साहनी, डॉ विनीता रावत, डॉ रेनू त्रिपाठी, डॉ जय सिंह यादव, डॉ हरेंद्र शर्मा, डॉ मुन्नू ख़ान, डॉ मनीषा बाजपेई, डॉ नीता यादव, डॉ सच्चिदानन्द चौबे, डॉ दीप्ति गिरी, डॉ रक्षा सिंह, डॉ किरण गुप्ता, डॉ अंकिता श्रीवास्तव, डॉ विनीश कुमार, डॉ आज़ाद कुमार, डॉ अनुज कुमार, डॉ सत्येन्द्र कुमार दुबे, डॉ संतोष सिंह, के साथ साथ सभी प्राध्यापकगण,शिक्षणेत्तर कर्मचारी, विद्यार्थी और सांस्कृतिक कार्यक्रम की पूरी टीम उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना अहम योगदान, मार्गदर्शन अमूल्य समय प्रदान किए।

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