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लेखपाल बन मिशाल कायम की अनिता गुप्ता, सोनभद्र (बिनोद मिश्रा/चन्द्रमोहन शुक्ल)
2007 बैच की पहली महिला लेखपाल बन कर मिशाल कायम की अनिता गुप्ता । , कहा जाता है कि बेटियों की राह आसान नहीं होती है। संघर्ष मय जिंदगी से गुजरती हुई सोनभद्र के चुर्क निवासिनी अनीता गुप्ता ने राजस्व विभाग मेंवर्ष 2007 बैच में लेखपाल के पद पर नौकरी पाकर नाम रोशन किया है जो बेटियों के लिए एक मिसाल कायम की है बता दें कि चुर्क निवासी अनीता गुप्ता बड़े ही संघर्ष में जिंदगी गुजरती हुई वर्ष 2007 बैच की प्रथम सोनभद्र की महिला लेखपाल बनी अनीता गुप्ता के पिता की मृत्यु जब कक्षा 8 में पढ़ रही थी तभी हो गई तत्पश्चात माता फूलपति देवी के ऊपर दो भाई चार बहनों का भरण पोषण सहित शिक्षा दीक्षा का भार हो गया हालांकि बड़े भाई कि एक जनरल स्टोर की दुकान चुर्क में ही स्थित है जिन्होंने परिवार के ऊपर विशेष ध्यान नहीं दिए खेती बारी भी इनके पास नही थी जिसके कारण पूरे परिवार का भार माता फूलपति देवी व बहनों के ऊपर ही रहा किसी तरह पूरे परिवार का परवरिश होता रहा। अनीता गुप्ता ने इंटरमीडिएट तक की पढाई चुर्क इंटर कॉलेजमें ही की है तत्पश्चात ग्रेजुएट की शिक्षा मिर्जापुर बिनानी डिग्री कॉलेज से हासिल की। इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएट की परीक्षा राजकीय डिग्री कॉलेज ओबरा से हुई। पढ़ाई करते समय ही अनीता गुप्ता ने नौकरी की तलाश में कई इंट्रेंस परीक्षा देती रही ,तैयारी करती रही इसी बीच वर्ष 2007 में लेखपाल की परीक्षा में सम्मिलित होने का मौका मिला जो लगन व मेहनत के बलपर सफल भी हो गई। जिससे अब थोड़ा सा परिवार के परवरिश का बोझ माता का हल्का हो गया पिछले वर्ष छोटे भाई की भी अचानक मौत हो गई। अनीता गुप्ता चार बहनों में सबसे छोटी बहन है पिताजी के जीवन काल में बड़े भाई और एक बहन की शादी हो चुकी थी उसके बाद उनके न रहने पर माताजी ने दो छोटी बहनों की भी शादी की है अब शादी के लिए बारी स्वयं लेखपाल अनिता गुप्ता की है जो परिवार में कमाऊ बेटी है जो अपने लगन मेहनत के बलपर मुकाम हासिल कर परिवार का नाम रोशन करते हुए मिसाल कायम की है।ऐसी ही बेटियो पर माता पिता का नाज होता है।
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