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सिद्धार्थनगर : गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध पर ध्यान दे सरकार: सांसद जगदंबिका पाल

दैनिक बुद्ध का सन्देश
सिद्धार्थनगर। मंगलवार को सांसद जगदंबिका पाल ने संसद का ध्यान गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध की ओर आकृष्ट कराना कराया । इस रोक का असर मेरे संसदीय क्षेत्र डुमरियागंज पर पड़ा है, जो काला नमक चावल का प्राथमिक निर्यात केंद्र है। चावल की यह किस्म अपनी इतिहास छटी शताब्दी ईसा पूर्व से तराशती है, इसे भगवान बुद्ध द्वारा श्रावस्ती के लोगों के लिए एक उपहार माना जाता है। काला नमक चावल उत्तर पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र के लगभग 20 जिलों में उगाया जाता है। हाल में इसे उत्तर प्रदेश के एक जिला, एक उत्पाद स्कीम के अंतर्गत सिद्धातनगर के उत्पाद के रूप में शामिल किया गया है।

यह प्रतिबंध ऐसे समय में लगाया गया है जब काला नमक चावल उत्पादन में 2019 में 4,311 भीट्रिक टन से 2021-22 में 15,000 मीट्रिक टन तक तीन गुना वृद्धि देखी गई है। यूपी सरकार के आंकड़ेबताते हैं कि इस चावल कि अंतर्राष्ट्रीय मांग 2019-20 में 2ः से बढ़कर 2021-22 में कुल उत्पादन का लगभग 7ः हो गई है। यह प्रतिबंध कालानमक चावल उगाने वाले छोटे और सीमांत किसानों को प्रभावित करता है। एवं सरकार से अनुरोध है कि जनहित मे गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक को समाप्त करने का कष्ट करें।

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