सिद्धार्थनगर : चेयरमैन सहित महिलाओं ने पुत्रों के लम्बी उम्र के लिए रखा कठिन व्रत
हलषष्ठी का व्रत अक्सर पुत्रवती महिलाएं ही रखती हैं।
दैनिक बुद्ध का सन्देश
शोहरतगढ/सिद्धार्थनगर। भाद्रमास कृष्ण पक्ष छठी को पुत्रों के लम्बी उम्र के लिए हलषष्ठी का व्रत रख कर क्षेत्र की पुत्रवती महिलाएं पूजा अर्चना की। रविवार को व्रती चेयरमैन उमा अग्रवाल सहित महिलाएं सुबह से ही स्नान, ध्यान से निबृत्त होकर पूजा की थाल सजायी, अपने पुत्रों के लम्बी उम्र के लिए कोर भरी फिर पूजा-पाठ करने के लिए गांव से बाहर जाकर कुश और बरियारा की गाठ बाध कर पूजन-अर्चन की। यह व्रत केवल पुत्रवती महिलाएं ही करती हैं। संतान की लम्बी उम्र की कामना की व्रत हलषष्ठी में आस्था का संचार होता है। माताएं व्रत पूजन के साथ ही अपने संतान की दीर्घायु की कामना करती हैं। इस दौरान कठोर व्रत किया जाता है जुताई गुडाई किये गये खेत व जमीन पर उपजे अनाज व फल से महिलाएं परहेज करती है।
इस दिन ताल मे अपने आप उपजे अन्न तिन्नी की चावल का इस्तेमाल करती है।क्योंकि हलषष्ठी या हल छठ पर मूसल, बैल व हल की पूजा की जाती है, इसीलिए इस दिन हल से जुताई की हुई खाद्यान्न से परहेज किया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का अस्त्र हल होने की वजह से महिलाएं हल का भी पूजन करती है। हलषष्ठी में बिना हल लगे अन्न और भैंस के दूध से बनी दही घी का उपयोग करती है।इसके सेवन से ही दिन भर व्रत रख कर शाम को पारण करती है। पूजा के उपरान्त गांव की वरिष्ठ महिलाएं एक स्थान पर बैठकर गीत एंव कहानियां कहती हैं। जिसको अन्य सभी महिलाएं बच्चे सभी लोग बड़े ही चाव से सुनती हैं। ग्रामीण क्षेत्र के गांवो मे मेला जैसा भीड हो जाता। क्षेत्र की महिलाए विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया।