लखीमपुर खीरी : ट्रेनी डॉक्टर की हत्या को लेकर हड़ताली डॉक्टरों ने टेंट के नीचे की ओपीडी
दैनिक बुद्ध का संदेश
लखीमपुर खीरी। कोलकाता में हुई ट्रेनी डॉक्टर की जघन्य अपराध के बाद हत्या मामले ने जनता के बीच भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। वही रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के बैनर तले मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर भी हड़ताल पर है उनके द्वारा मंगलवार को मेडिकल कॉलेज परिसर में टेंट के नीचे अपनी ओपीडी कर अपना विरोध जताया गया। जहां जनता का भी उन्हें समर्थन मिला। इस घटना के खिलाफ बड़े पैमाने पर जनपद में ज़ोरदार प्रदर्शन हुए हैं और लोगों ने सड़़कों पर उतरकर कैंडिल मार्च सहित न्याय की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में महिलाओं, छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों की भागीदारी भी देखी जा रही है। प्रदर्शन से न केवल दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन से जवाबदेही भी मांग रहे हैं। लोग इस बात को लेकर बेहद नाराज हैं कि ऐसी घटनाएँ बार-बार हो रही हैं, और उन्होंने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर भी काफी आक्रोश देखने को मिला है। लोगों ने अपनी नाराजगी और पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए पोस्ट्स और वीडियो साझा किए जा रहे हैं। वहीं एमसीएच विंग में 14 अगस्त से मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर रेजिडेंट डॉक्टर एसोशिएशन के बैनर तले न्याय की मांग कर रहे हैं। जोरदार धरना प्रदर्शन जारी है।
आज भी डॉक्टरों ने धरने के दौरान हाथों में बैनर-पोस्टर, तख्तियां लेकर अस्पताल परिसर व मुख्य मार्ग का भ्रमण कर नारेबाजी की। इस दौरान उनको जनता का भी समर्थन मिला। धरने पर बैठे डॉक्टरों ने कोलकाता की घटना को लेकर शोक व्यक्त किया व इस अमानवीय कुकृत्य की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ित परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएँ व्यक्त की। उन्होंने कहा यह घटना हमारी सामूहिक संवेदनशीलता को झकझोरती है और हमें न्याय के लिए प्रतिबद्ध रहने की प्रेरणा देती है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह पीड़ित परिवार को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। साथ ही धरने पर बैठे रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने मरीजों को टेंट में देखा है और डॉक्टरों ने मेडिसिन, पल्मोनरी, साइकेट्री और आर्थाे की ओपीडी धरने के टेंट में चलाई। दोपहर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर आरके कोली भी धरना स्थल पर पहुॅचे और डॉक्टर से बात कर सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का आश्वासन व उच्चाधिकारयों को कागजी कार्यवाही किए जाने की बात कही गई।