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रामपुर : बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने जारी की एडवाइजरी

दैनिक बुद्ध का संदेश
रामपुर। बाढ़ प्रभवित क्षेत्रों की स्थिति के दृष्टिगत राहत व बचाव के साथ-साथ डूबने के कारण होने वाली घटनाओं को न्यूनीकृत किये जाने के सम्बंध में शासन स्तर से दिए गए निर्देशों के अनुरूप जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण जोगिंदर सिंह द्वारा विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान नदी, नहर, कुआँ, तालाब, गहरे गड्ढे, झील, पोखर आदि जलाशयों में स्नान करने, जानवर नहलाने या कपड़े धोने जैसे दैनिक कार्य करते हुए विभिन्न कारणों से अनजाने में बच्चों, किशोर-किशोरियों तथा वयस्क व्यक्तियों की डूबने से मृत्यु हो जाती है। सावधानी, सतर्कता एवं जागरूकता के द्वारा इस अमूल्य जीवन को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। डूबने से होने वाली मौतों के प्रमुख कारण-खतरों की उपेक्षा या खतरों को कमतर आंकना, खतरों के बारे में गलतफहमी अर्थात गलत जानकारी, सही व सटीक जानकारियों के बिना नहर में जाना, निगरानी एवं पर्यवेक्षण की कमी, बचाव के कौशल (तैराकी व अन्य बचाव के तरीके का न आना) का अभाव, कम उम्र के बच्चों को अभिभावकों द्वारा नदियों एवं तालाबों में नहाने के लिए/नदियों एवं तालाबों के पास अकेले छोड़ देना।

डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के उपाय। किसी भी खतरे से बचने या उसके प्रभाव को न्यून करने के लिए आवश्यक है कि खतरे की गंभीरता एवं उस खतरे को कम करने के उपायों को जानना, सहयोगियों की पहचान करना तथा आवश्यक ज्ञान व कौशल अर्जित करना और यदि इसके बावजूद खतरे की गंभीरता ज्यादा है तो उसे टालना या उससे दूर रहना ही एक साधारण उपाय है। डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए ‘क्या करें व क्या न करें’ के अंतर्गत जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। क्या करें, क्या न करें तेज धार या उफनायी हुई नदी, नहर, नाले, तालाब आदि में स्वयं एवं अपने स्वजनों को जाने से रोकें। बच्चों को पुल, पुलिया, ऊँचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें। नदी या जल निकाय के किनारों पर न जाएं, यदि अति आवश्यक हो तो पानी में उतरते समय गहराई का ध्यान रखें। यदि उस स्थान या घाट के आस-पास कोई सलाह या दिशा-निर्देश लिखें हों तो उनका पालन करें। भली प्रकार तैरना जानते हों तभी पानी में उतरें/स्नान करें, अन्यथा स्थानीय प्रशासन द्वारा बताये गए स्नान करने के चिह्नित घाटों पर ही स्नान करें। एक साथ परिवार के कई लोग नदी या अन्य घाटों पर स्नान न करें। बच्चों को यदि स्नान करना हो तो बड़ों की कुशल देखरेख में ही स्नान करने दें। कोशिश करें किसी नदी या जल निकाय में सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय साथ में 10-15 मीटर लंबी रस्सी या धोती/साड़ी अवश्य रखें। नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल निकायों के पास लिखी हुयी चेतावनी की अवहेलना न करें। छोटे बच्चों को घाटों, जल निकायों के समीप न जाने दें। एकदम से अनजान एवं सुनसान नदियों, नहरों, तालाबों के घाटों पर स्नान करने न जायें। किसी के उकसाने/बहकावे में आकार पानी में छलांग न लगायें।

नदियों, नहरों या अन्य जल निकायों के घाटों पर, किनारे पर पारंपरिक/धार्मिक/सामाजिक रीति-रिवाजों/अनुष्ठान/ संस्कारों का निर्वहन करते समय किसी भी तरह की असावधानी न बरतें। नदी, नहर या अन्य जल निकायों में कोई तैरती वस्तु या अन्य आकर्षक फूल इत्यादि के लालच में पड़कर उसे छूने/पकड़ने/तोड़ने न जायें ऐसा करना जानलेवा हो सकता है। तैरना सीखने के लिए अकेले पानी में न जायें, किसी कुशल प्रशिक्षक या तैराक की देखरेख में ही तैराकी सीखें। तैरने या पानी में स्नान करते समय स्टंट न करें या सेल्फी आदि न लें, ऐसा करना जानलेवा हो सकता है। पानी में डूबते हुए व्यक्ति को बचाने हेतु श्क्या करें व क्या न करें’ अगर आप भली प्रकार तैरना जानते हों और साथ ही साथ डूबते को पानी से बाहर लाने की कला जानते हों तब ही आप किसी को बचाने के लिए पानी में जाइये, अन्यथा आप के जीवन को भी खतरा हो सकता है। यदि आप के निकट पानी में कोई डूब रहा है तो आप उसे बचाने के लिए पानी के बाहर से जो भी उपलब्ध साधन जैसे बांस का टुकड़ा, रस्सी, कोई लंबा कपड़ा जैसे साड़ी, धोती बाहर से फेंक कर डूबते हुये व्यक्ति को पकड़ने को कहें और उसे धीरे-धीरे बाहर खींच कर लाएँ। किसी को डूबता देखकर मदद के लिए शोर मचाएँ जिससे आस-पास के सक्षम लोग मदद कर सकें। डूबे हुये या डूबते हुये व्यक्ति को पानी से बाहर निकालने पर देखें कि वह व्यक्ति होश में है या नहीं। चिकित्सालय ले जाने के लिए जो भी साधन मौके पर उपलब्ध हो उसका प्रयोग करें अन्यथा 108 पर फोन कर एंबुलेंस बुला लें। स्नान करने के घाटों पर सुरक्षा उपकरण जैसे-लंबी व मजबूत रस्सी, बांस के लंबे टुकड़े, हवा भरे गाड़ियों के ट्यूब आदि सामग्रियों को रखें, जो आकस्मिक समय पर काम आयेंगी।

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