बांसी : सैकड़ो वर्ष पुरानी कटबाँसी की झाड़ियों में माँ काली की प्रतिमा का दिखना बना कौतूहल का विषय
खेसरहा विकास क्षेत्र के भदवल बुजुर्ग का है मामला
बांसी । दैनिक बुद्ध का संदेश
खेसरहा थाना क्षेत्र के सकारपार पुलिस चौकी के भदवल बुजुर्ग में झाड़ियों के बीच माँ काली की प्राचीन प्रतिमा दिखाई देने से क्षेत्र के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। कोई मां काली की प्रतिमा को स्वतरू उत्पन्न होने की बात कह रहा है। तो कई लोगों का कहना है कि कई दशक से झाड़ियों की साफ.सफाई न होने के कारण माँ काली की प्रतिमा दिखाई नही दे रही थी। वजह जो भी हो लेकिन जब से माँ काली की प्रतिमा दिखाई दी है तब से वहां श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। बांसी.धानी मार्ग स्थित सकारपार चौराहा के पूरब महुलानी गांव के दक्षिण से अनिल राय इंटर कॉलेजए भदवल बुजुर्ग तक आरसीसी लिंक रोड़ का निर्माण कार्य हो रहा था। सड़क निर्माण कार्य के बाद बीते सोमवार को सड़क के सटे कटबांसी की खूंटियों को जेसीबी द्वारा सफाने का काम चल रहा था। कटबांसी की यह खूंटिया लगभग सैकड़ो वर्ष पुरानी बताई जा रही है । रात को बारह बजे के करीब जैसे ही जेसीबी माँ काली की प्रतिमा के दो फीट दूरी पर पहुची कि अचानक जेसीबी खराब हो गयी। सुबह जेसीबी खराब होने के कारण मजदूरों ने झाड़ियों में आग लगा दीए ताकि झाड़ियों का कचरा जलकर साफ हो जाये।
जब कचरा जलकर समाप्त हुआ तो बांस की खुटियों के बीच में एक प्राचीन मां काली की हाथी के रूप में प्रतिमा दिखाई दी। जो सैकड़ो वर्ष पुरानी प्रतीत हो रही थी। लोगों ने प्रतिमा को हटाकर साफ सफाई करना चाहा तो प्रतिमा की पकड़ मिट्टी में गहराई तक प्रतीत हो रही थी। जिससे प्रतिमा हटी नही। क्षेत्र के दीनानाथ पांडेयए नागेंद्र पांडेयए पवन पांडेयए प्रताप पांडेयए तुलसी राम पांडेयए आदि बुजुर्गों का कहना है कि यहा सैकड़ो वर्षो से कोई प्रतिमा दिखाई नहीं दे रही थी। केवल मां भदवल वाली समय के नाम से लोग पूजा पाठ करके धूप. अगरबत्ती जलाते थे। क्षेत्र के छोटे वर्ग से लेकर बड़े नेता गण तक माँ भदवल वाली समय के नाम पर माथा टेक कर मनौती मानते थे। और मनौती पूरा होने पर वहा पूजा पाठ के साथ भंडारा का आयोजन भी करवाते थे। खेसरहा विकास क्षेत्र के अंतर्गत बांसी धानी मार्ग स्थित सकारपार चौराहा के पूरब सैकड़ो वर्ष पहले भदवल बुजुर्ग नाम से गांव बसा था। जो अब उजार डीह होकर केवल कागजातों में ही अंकित है। यह क्षेत्र के महुलानी गांव के बॉर्डर से सटा हुआ है। क्षेत्र के अनिल राय इंटर कॉलेज के प्रबंधक अनिल राय ने बताया कि सैकड़ो वर्ष पहले भदवल बुजुर्ग थारूओ का गांव था। आज भी यहा खुदाई के दौरान थारुओ के उपयोग में आने वाली वस्तु मिलते रहते हैं। क्षेत्र के अनिल रायए कृपा शंकर पांडेयए नंदलाल चतुर्वेदीए देवेंद्र पांडेयएगोपाल रायए पावन पांडेयए ओम प्रकाश गुप्ताए बगेडुए शैलेश पांडे आदि ने जन सहयोग से मन्दिर बनवाने की मांग की है।