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सिद्धार्थनगर : सिविवि में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित की गई संगोष्ठी

दैनिक बुद्ध का सन्देश
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर में गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि महात्मा गौतम बुद्ध का दर्शन प्रत्येक प्राणी के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने दिव्य दर्शन के माध्यम से संपूर्ण मानव जगत के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है, जो आज भी प्रखर रूप से गतिमान है। यह विश्वविद्यालय महात्मा गौतम बुद्ध के नाम पर स्थापित है इसलिए विश्वविद्यालय का विशेष कर्तव्य है कि गौतम बुद्ध के दर्शन जीवन चरित्र और व्यक्तित्व के माध्यम से मानव निर्माण और राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं की श्रृंखला तैयार करें। कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने आगे कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति से बौद्ध दर्शन ओत प्रोत है। भारतीय संस्कृति का पर्याय भी बौद्ध दर्शन को माना जा सकता है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर द्वारकानाथ ने कहा महात्मा गौतम बुद्ध का व्यक्तित्व ऐतिहासिक एवं वैश्विक था। उन्होंने कहा कि न केवल भारत में अपितु संपूर्ण संसार में मानवों के बीच प्रेम सहिष्णुता और सहयोग की भाव को जागृत करने का उपदेश दिया। बौद्ध दर्शन और सनातन दर्शन के बीच बहुत समता है। महात्मा गौतम बुद्ध ने अपने दर्शन के माध्यम से सामाजिक समरसता के साथ समाज में एकता शांति के लिए अहिंसा को अपरिहार्य बताया। आज वैश्विक समाज में जिस प्रकार से अविश्वास और विस्फोट की स्थिति उत्पन्न हुई है, परमाणु अस्त्रों के निर्माण की होड़ लगी है, वहीं दूसरी ओर विश्व के एक बड़े भाग के द्वारा महात्मा गौतम बुद्ध की अहिंसा शांति को जीवन का मूल मंत्र के रूप में स्वीकार किया जा रहा है। इस रूप में आज का कार्यक्रम विश्वविद्यालय और संपूर्ण मानव समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है।

कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध केंद्र के निदेशक प्रोफेसर सुशील तिवारी ने कहा की बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म दर्शन दोनों के बीच बहुत समता है। बौद्ध दर्शन के मूल सिद्धांत भारत के सनातन और वैदिक परंपरा के मूल सिद्धांतों का ही अनुकरण है। समाज में आई विकृतियों को दूर करने के लिए महात्मा गौतम बुद्ध ने जो दर्शन दिया है जिन सिद्धांतों को समाज के बीच में रखा है वह आज भी प्रासंगिक है। कार्यक्रम में कुल सचिव डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह, प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो प्रकृति राय, अधिष्ठाता वाणिज्य संकाय प्रोफेसर सौरभ, अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर नीता यादव, प्रोफेसर सुनील कुमार श्रीवास्तव डॉ सत्येंद्र दुबे, डॉक्टर जितेंद्र कुमार सिंह, डॉक्टर अखिलेश दीक्षित डॉक्टर कौशलेंद्र चतुर्वेदी सहित शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शिवम शुक्ला ने किया तथा कार्यक्रम में महात्मा गौतम बुद्ध के जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण जीवन की प्रस्तुति सकेत मिश्रा, शकीला खातून सहित सांस्कृतिक समिति द्वारा प्रस्तुत किया गया।

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