सिद्धार्थनगर : शहीद-ए- मिल्लत कॉन्फ्रेंस का हुआ आयोजन, उलेमाओं ने दीन और दुनिया पर डाली रोशनी
आस्ताने शहीद ए मिल्लत के 18 वें उर्स में लोगों ने चढ़ाई चादर और मांगी दुआएं
दैनिक बुद्ध का सन्देश
डुमरियागंज/सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के ग्राम बसडिलिया स्थित आस्ताने शहीद ए मिल्लत में सोमवार की रात शहीद-ए- मिल्लत कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें नामचीन उलेमाओं व वक्ताओं ने हिस्सा लिया। स्थानीय शहीद ए मिल्लत के उर्स में अकीदतमनदो ने चादर चढ़ाया और दुआएं भी मांगी। सोमवार की रात आयोजित शहीदे आजम कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में राजस्थान के मकराना से आए मुफ्ती शमशुद्दीन ने कहा कि ईमान वाला जन्नत का हकदार है इंसान अपनी बुराइयों को खत्म करें और नेकी के रास्ते को अपनाए। आज शिक्षा के मामले में मुसलमान काफी पीछे हैं उन्हें दीनी और दुनियावी दोनों शिक्षा पर जोर देना होगा।
तभी एक सफल जीवन में कामयाबी मिल सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे पहली सीढ़ी मां-बाप होते हैं अगर बचपन में मां बाप का प्यार मिला तो वह बच्चे गलत कामों की तरफ नहीं जा पाते हैं। जब मां-बाप नेक होंगे तो बच्चे भी नेक होंगे। उन्होंने दहेज पर बोलते हुए कहा कि दहेज लेना और देना दोनों गुनाह की श्रेणी में आता है हमें इससे बचना चाहिए तभी एक अच्छे समाज का निर्माण किया जा सकता है। इस मौके पर कान्फ्रेंस को खिताब करते हुए कारी इकबाल अहमद मुरादाबाद ने कहा कि शहीदे आजम कॉन्फ्रेंस में जुटने का उद्देश्य यह है कि सभी लोग दीन की तरफ बढ़े और दुनिया को भी सुरक्षित रखें। फिजूल खर्चे से बचें, दिखावा अल्लाह ताला को पसंद नहीं है।
इस्लाम मोहब्बत व भाईचारे का पैगाम देता है। इस मौके पर अब्दुल रब उर्फ चांद बाबू बिलहर शरीफ फैजाबाद ने कहा कि आज नौजवान दीन से भटक रहा है इसी वजह से वह परेशान भी है। मस्जिदों को आबाद करें और नेकी के रास्ते पर चलें। अंत में उन्होंने दुआ के साथ प्रोग्राम खत्म कराया। जबकि इससे पूर्व तिलावते कलाम पाक से कान्फ्रेंस की शुरुआत हाफिज फैजान फारुकी ने की। इसके बाद शब्बीर बरकाती व मोहम्मद अली फैजी ने नात पाक से माहौल को काफी खुशनुमा बना दिया। नवीना शायर मोहसिन रजा ने भी अपना कलाम सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। कान्फ्रेंस की अध्यक्षता दारुल उलूम अहले सुन्नत गरीब नवाज बैदौला चौराहा के प्रबंधक मौलाना मकसूद अकरम व संचालन दिलशाद फारूकी ने किया।
इस मौके पर मौलाना अरशदुउल कादरी, मौलाना सफीक निजामी, कारी अबरार अहमद, हाफिज एतवार, मौलाना आबिद अली, हाफिज नावेद ,डॉक्टर मोहम्मद हुसैन सिद्दीकी, अफजान फारुकी, नवी ,जहीर फारुकी ग्राम प्रधान प्रतिनिधि, अब्दुल रशीद फारुकी, शरीफुल हक, अहमद हुसैन, सरताज फारुकी, हमीद फारूकी, बिलाल फारुकी, सैयद मैराज, नजीर अहमद, शम्स, अब्दुल समद, इसरार अहमद फारूकी, अजीम ओ शान फारूकी, इनायतुल्लाह, डॉ अख्तर हुसैन, फिरोज अख्तर, शाह आलम आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।