गोरखपुर        महराजगंज        देवरिया        कुशीनगर        बस्ती        सिद्धार्थनगर        संतकबीरनगर       
अम्बेडकरनगरउत्तर प्रदेशदेशब्रेकिंग न्यूज़राज्य

वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी लाइसेंस धारी आरा मशीन पर प्रतिबंध लड़कियों की चिरान जारी

दैनिक बुद्ध का सन्देश/अर्पित सिंह श्रीवास्तव

अम्बेडकरनगर। लकड़ी माफियाओं की वजह से जंगल से शीशम व सागौन जैसे वृक्षों का पतन होता जा रहा है। अम्बेडकरनगर क्षेत्र में इलेक्ट्रिक आरी लेकर रात के समय लकड़ी माफिया वृक्षों को काटने के लिये जाते हैं। अवैध रूप से काटे गये वृक्षों की लकड़ी आरा मशीनों पर ले जाकर रातों रात चिरवा दिया जा रहा है। इस वजह से वन विभाग अवैध कटान में लिप्त लोगों को पकड़ने में कामयाब नहीं हो पा रहा है आरा मशीन संचालकों पर शिकंजा तो कसा गया, परंतु अब फिर से अधिकारियों का ध्यान हट गया है। आरा मशीनों पर वह लकड़ी चीरी जा रही है प्रतिबंध लड़कियां बिना परिमीशन के चिराई हो रही है। जै कि वन विभाग से मिला हो।

लकड़ी कहां से आयी, इसका पूरा लेखा जोखा स्टाक रजिस्टर में तैयार करना पड़ता है। परंतु कार्रवाई का बड़ा उदाहरण स्थापित नहीं करने की वजह से लकड़ी आरा मशीन संचालक बेखौफ हो गये हैं। हालत यह है कि संचालित आरा मशीनों पर बड़े स्तर पर संरक्षित वृक्षों की लकड़ी खपाई जा रही है। वर्तमान में जिले की बन क्षेत्र के अंतर्गत लग भग 45 लाइसेंसी आरा मशीनें संचालित हो रहीं हैं। ज्यादातर आरा मशीनों में लाइसेंस की आड़ में अवैध प्रतिबंध लकड़ियों की चिरायी की जा रही है। अनियमितता मिलने के बाद चार महीने पहले गोल पुर स्थित आरा मशीनें पर प्रतिबंध लकड़िया सीज की गईं थीं। और जुर्माने भी लगाया था इसके बावजूद भी वे भी आरा मशीन संचालित होने लगीं।

बाक्स………..वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत

प्रभागीय वनाधिकारी की मिली भगत से आरा मशीनों की निरंतर चेोकग की जाती है। लेकिन क्षेत्रीय वनाधिकारियों की मिली भगत क्षेत्र में आरा मशीनों निरंतर संचालित हो रही। वहीं पर अवैध कटान की लकड़ी खपाने की बात सामने आती है तो न सिर्फ उसका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा, बल्कि मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। लेकिन वन विभाग के अधिकारी शीश की गई लड़कियां मार्च खाली दिखावा कर रहे हैं जांच की फाइल भी धूल फांक रही।

करवाई की कॉफी मीडिया में देने से जिम्मेदार अधिकारी कतराते हैं जबकि मीडिया ही खबर को अधिकारियों तक पहुंचाने का काम करती है लेकिन चंद सिक्को में ईमान बेचकर मीडिया को नहीं अवगत कराते की क्या कार्रवाई की गई और कौन सजा किसको मिली यह सब रहस्य बना रहता है जनता में भी यह चर्चा होती है कि अधिकारी कर्मचारी क्या कार्रवाई करेंगे जब चंद्र सिक्कों में ईमान बेच देंगे सवाल यह है कि ईमानदारी पर जनता उठाती है सवाल फिलहाल देखना यह होगा कि अमबेडकर नगर में वन विभाग के अधिकारी सक्रिय होते हैं या फिर निष्क्रिय रहते हैं अगर जांच अभियान चलाई गई तो बहुत से अवैध आरा मशीन मशीन चलते मिलेंगे और लाइसेंस धारी अरे मशीन पर प्रतिबंध लकड़ी में ढेर सारी मात्रा में मिलेंगे।

Related Articles

Back to top button