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अम्बेडकरनगर : शपथ पत्र देने के बाद प्रधानमंत्री आवास के फर्जीवाड़ा का जांच में भी भ्रष्टाचार का अंदेशा

मीडिया के सवाल से परियोजना निदेशक को लगा 440 वोल्ट का झटका

दैनिक बुद्ध का सन्देश
अम्बेडकरनगर। विकासखंड रामनगर के अंतर्गत ग्राम सभा मरौचा में फर्जी प्रधानमंत्री आवास का मामला गरमया प्रवीण कुमार मरौचा के रहने वाले ने शपथ पत्र देकर प्रधानमंत्री आवास जांच करने की मांग की थी उसी को लेकर परियोजना निदेशक ने आज मरौचा में जांच करने पहुंचे लेकिन ऐसा लगता है कि जांच में भी होगा भ्रष्टाचार इसलिए आज जांच संदेह के घेरे में आया कि एक पक्ष से लिखित में विपक्ष से बयान लेकर दस्खत करा लिए प्रवीण कुमार का कहना है कल परियोजना निदेशक अंबेडकर नगर रामनगर वीडियो साहब से जानकारी ली रामनगर वीडियो ने च्.क् गुमराह किया लेकिन प्रवीण कुमार पीड़ित अपने साक्ष्य के आधार पर अडिग रहा और पी डी ने पीड़ित प्रवीण कुमार को कार्यालय में बुलाया गया था। और सभी साक्ष्य दिया उसके बाद परियोजना निदेशक जांच करने मरौचा पहुचे।

बाक्स…………..पीड़ित प्रवीण कुमार का आरोप

पीड़ित प्रवीण कुमार ने बताया की अकबरपुर पी. डी कार्यालय मुझे बुलाया गया था। सभी साक्ष्य दिया उसके बाद मुझसे कहा गया आप चलिए मैं जांच करने आ रहा हूं। और मैं जैसे घर पहुंच उसके पहले परियोजना निदेशक और ग्राम सचिव रोड के किनारे मिलते हैं गाड़ी से उतरकर दोनों लोग क्या बात किया यह बातें मैं सुन नहीं पाया प्रवीण कुमार का शक गहरा रहा है की ग्राम सचिव जो कि भ्रष्टाचारी सचिव है और उस से क्या बातें करके दोनों लोग साथ गांठ बनाई कि हमें समझ नहीं पा रहा हूं फिलहाल मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे न्याय मिल पाना बड़ा मुश्किल की बात दिख रहा है और जांच करके जब जाने लगे तो मुझे बुलाया गया कागज लेकर आओ वह भी बैनामा का कागज अब प्रश्न यहां या उठ रहा है कि परियोजना निदेशक हर काम छोड़कर क्या राजस्व विभाग का काम देखेंगे जिस तरीके मुझेसे बनाने का कागज मांगा जा रहा है। शपथ पत्र पर मेरा शिकायत बस यही था की 2021 में आवास जो फर्जी तरीके से पास कर दिया गया और बिना बने ही पैसा प्रधानमंत्री आवास का तीनों किस्त निकल गया। इसलिए संदेह मुझे हो रहा है की परियोजना निदेशक ग्राम सचिव को बचाने में लगे हुए हैं और कहीं ना कहीं यह हसन का जाता रहा है कि भ्रष्टाचार में परियोजना निदेशक सनलिप्त तो नहीं हो गए।

बाक्स……….मीडिया कर्मी के सवालों से परियोजना निदेशक को लगा 440 वोल्ट का झटका

मीडिया कर्मी का सवाल बस इतना ही था 2021 में प्रधानमंत्री आवास दिया गया बिना बने ही कैसे तीनों किस्त का रुपया निकल गया था। पहली बात तो ऑन कैमरा में जवाब देने से इनकार कर दिए और दूसरी बात मीडिया की सवालों से 440 वोल्ट का झटका लग गया शायद सच्चाई बर्दाश्त नहीं हुई। मीडिया कर्मी से ही उलझ गए उन्होंने कहा क्या आपको पता था विवादित जमीन है। अब सवाल यह उठ रहा है। क्या लाभार्थी और ग्राम प्रधान किसी की जमीन को दिखाकर आवास पास करवा सकते हैं। मान लीजिए की पहले किस्त जब आई आवास बनना शुरू हुआ विवाद खड़ा हो गया तो कैसे दो किस्त और मनरेगा मजदूरी का भुगतान कर दिया गया। फिलहाल ऐसा लगता है की परियोजना निदेशक चंद सिक्कों की चमक में चौंधिया गए।

बाक्स………..पीड़ित प्रवीण कुमार कि शिकायत पर सीईओ ने जांच आख्या प्रस्तुत की

को जांच में लिखा की सूर्य देवी नाम की महिला उसे पते पर नहीं रहती है। फिर वहीं पर लिखा गया की दरासल सूर्य देवी गलती से सूर्यमुखी के बजाय सूर्य देवी कंप्यूटर में फीड हो गया था। वाह रे चोर चोर मौसेरे भाई गलत नाम फीड उसके बाद भी प्रधानमंत्री आवास के नाम से रुपए निकाल लिए गए आवास बना ही नहीं था आखिर यह सब प्रूफ कर रहा है कि ग्राम सचिव और ग्राम प्रधान मिलकर लंबा फर्जी वाला करने के फिराक में थे फिलहाल पीड़ित ने बताया कि अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं हाई कोर्ट न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगा फिलहाल न्यायालय जाने के बाद कितने लोगों की गर्दन फंसेगी वह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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