गोरखपुर        महराजगंज        देवरिया        कुशीनगर        बस्ती        सिद्धार्थनगर        संतकबीरनगर       
उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़सिद्धार्थनगर

बांसी : आग लगने से लगभग 60 एकड से अधिक फसल जलकर राख हो जाने का अनुमान

बांसी। थाना शिवनगर डिंडई क्षेत्र अंतर्गत पिपरा दोयम गाँव के उत्तर सीवान में रविवार को आग लग गई। अज्ञात कारणों से लगी आग से दर्जनों ग्रामीणों की फसल जलकर राख हो गई। घटना रविवार अपरान्ह 02:30 बजे के आसपास की बताई जाती है।
मिली जानकारी के अनुसार दोपहर बाद पिपरा दोयम ग्राम पंचायत के पुरवा बरगदवा दोयम के सीवन में अज्ञात कारणों से लगी आग ने ही देखते ही देखते पिपरा दोयम, एकडेगवा व परसौना गाँव के लगभग सात दर्जन लोगों के खेतों में खडी फसल को आगोश में ले लिया। हालांकि ग्रामीणों द्वारा आग पर काबू करने का हर संभव प्रयास किया गया, परन्तु दोपहर में तेज चल रही पछुवा हवा के प्रभाव के सामने किसी की एक न चली। पिपरा दोयम गाँव से पूरब निकले पिचरोड के दक्षिण तथा एकडेगवा गाँव से पूरब निकले रोड से उत्तर खडी सारी फसल जलकर राख हो गई। आग बुझने के पश्चात पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी के प्रति लोगों में खासी नाराजगी थी। सूचना पर लेखपाल प्रशांत चौधरी के साथ पहुंचे तहसीलदार बांसी देवेन्द्र मणि त्रिपाठी ने हालात की जानकारी लिया तथा लेखपाल प्रशांत चौधरी द्वारा छति का आंकलन किया गया। इस दौरान प्रभारी निरीक्षक राम कृपाल शुक्ला भी मय फोर्स मौजूद रहे। लोगों ने फायर ब्रिगेड के बिलंब से पहुंचने के लिए तहसील दार से मौखिक शिकायत किया। अगलगी की घटना में किसान अजोरे, अनिल कुमार, बुधिराम, चिनगुद, रामू, दिनेश, सुखदेव, रामरती, सोनी, रोशनी, कृष्णा, कलावती, दुर्गा प्रसाद, हरगोबिन्द, मुनिराम, तारा, हजारी आदि कई दर्जन किसानों का लगभग 200 बीघा फसल जलकर राख हो जाने का समाचार है।
वर्तमान में गेंहू की फसल पककर तैयार है। क्षेत्र में कंबाइन मशीनों द्वारा जोर शोर से कटाई का कार्य चल रहा है, अगलगी के भय से लोग कंबाइन मशीनों की गणेश परिक्रमा में लगे हैं। हर कोई जल्द से जल्द अपनी फसल कटवा कर सुरक्षित करने के जुगाड़ में लगा है। लेकिन पिपरा दोयम गाँव के उन किसानों के नसीब में शायद कुछ ओर ही लिखा था। किसी की थोड़ी सी लापरवाही ने उन किसानों के समक्ष मुसीबतों का पहाड़ खडा कर दिया, जिन किसानों की फसल आज जलकर राख हो गई।इस घटना से उन किसानों के घर मातम जैसा सन्नाटा है। जिनकी उम्मीदों की फसल किसी की लापरवाही से जलकर राख हो गई।

Related Articles

Back to top button